मिट्टी की ईंटों की विशेषताएं
Jaydutt Tailor has earned Masters in Civil Structure Engineering in 2012 from University London. He heads and leads GharPedia team. He is Sr. Manager (Civil & Structure) at SDCPL. He is the senior editor and core member of the editorial team of GharPedia. He is proficient & passionate in managing a bunch of creative people, technology, and new design and developments at GharPedia. He also handles the structural design of some of major projects at SDCPL. He has an extra inclination towards Photography, Reading, & Travelling. He is Easily Reachable on – LinkedIn, Twitter, Quora.
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मिट्टी की ईंटें सबसे पुरानी इमारती सामग्री में से एक हैं।मिट्टी की ईंटें सबसे लोकप्रिय और अग्रणी निर्माण सामग्री है क्योंकि यह सस्ती और टिकाऊ है, और इनका संचालन करना और इनके साथकाम करना भी आसान हैं। मिट्टी की ईंटों का उपयोग बाहरी दीवारों, विभाजनों,खंभों, आधार और दूसरी भार सहने वाली संरचनाओं में किया जाता है।
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अच्छी गुणवत्ता वाली मिट्टी की ईंटों की विशेषताएं नीचे वर्णित की है।
01. ईंट बनाने की मिट्टी:
ईंट बनाने की मिट्टी पत्थर, कंकड़, कार्बनिकपदार्थ, शोरा और हानिकारक रसायनों आदि से मुक्त होनी चाहिए।
02. नाप:
ईंटों में समान नाप, समानांतर किनारों और तीव्र सीधी धारोंवाली सपाट और समकोणीय सतहें होनी चाहिए। निर्माण के लिए चाहे कोई भी ईंटों का उपयोग हो, वह इंटे नाप में नियमित और समान होनी चाहिए। अच्छी ईटें लंबाई में 3mm और चौड़ाई और ऊंचाई में 1.5mmसे अधिक नहीं होनी चाहिए।
ईंट का मानक नाप 190x90x90 है।
03.आकार:
अच्छी ईंटें आकार में समान होनी चाहिए। ईंट की धारें तीक्ष्ण, सीधी और दाएं कोण पर होनी चाहिए।
04. ईट का रंग:
अच्छी ईंट अच्छी तरह से जली हुई होनी चाहिए और उसमें समान तांबे का रंग होना चाहिए। कम और अधिक जली हुई ईंटें सतह पर रंग की समानताएं और उसकी मजबूती खो बैठती है। अच्छी गुणवत्ता वाली ईंटें हमेशा एक समान रंग की होनी चाहिए।
05. आवाज:
हथौड़े या दूसरी किसी ईंट से टकराने पर अच्छी तरह से जली हुई ईंट धातुमय आवाज़ देनी चाहिए।
06. सख़्ती:
ईंट इतनी सख्त होनी चाहिए कि नाखून से खरोंचने पर कोई असर ना हो।
07. मजबूती:
IS कोड के मुताबिक ईंट की संपीडक मज़बूती कम से कम 35 N/mm² होनी चाहिए।
08. बनावट और ठोस पन:
ईंट की सतहें इतनी भी मुलायम ना हो जिससे प्लास्टर फिसल जाए। ईंट की बनावट समान और ठोस होनी चाहिए। एक टूटी हुई सतह पर दरारें, छेद, और चूनें की गांठें नहीं दिखनी चाहिए।
09. पानी अवशोषण:
24 घंटे तक पानी में डुबोए जाने पर एक अच्छी ईट का पानी अवशोषण उसके शुष्क वजन के 20% से अधिक नहीं होना चाहिए।
10. ईंट का फ्रोग:
ईंट में उचित फ्रॉग होना चाहिए ताकि प्लास्टर को ठीक से फ्रॉग में भर दिया जा सके। फ्रोग का नाप लंबाई में 100mm, चौड़ाई 40mm और गहराई 10mm होना चाहिए।
मिट्टी की ईंटों का उपयोग पूरी दुनिया में हर प्रकार और वर्ग की इमारतों में किया जाता है। अच्छी गुणवत्ता वाली ईंटों में वायुमंडलीय प्रभावों को रोकने की क्षमता होती है। जहां भरपूर मात्रा में मिट्टी उपलब्ध है वहां ईंट का काम सस्ता है।लेकिन आजकल प्राकृतिक मिट्टी दुर्लभ है और इसीलिए हमें वैकल्पिक इमारती सामग्री जैसे फ्लाई ऐश ईंट,AAC ब्लॉक, शुष्क दीवार आदि ढूंढनी पड़ती हैं।
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