कंक्रीट सख़्ती की जाँच के लिए रिबाउंड हेमर टेस्ट
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विनाशकारी परीक्षण(Non-destructive Tests) नुकसान के बिना इमारती सामग्री का मूल्यांकन करने के लिए उपयोगी तरीकों का समूह है। कंक्रीट, ब्लॉक और मिट्टी की इंटे आदि जैसी इमारती सामग्री का विनाशकारी परीक्षण करना हमेशा संभव नहीं होता, खासकर जब उन्हें पहले से ही स्थापित कर दिया हो। वह स्वतंत्र परीक्षण है जो अपने परिणाम के माध्यम से संरचनात्मक इंजीनियरिंग(Structural Engineering)निर्णय लेने के लिए काफी है। रिबाउंड हेमर टेस्ट प्रक्रिया का उपयोग कंक्रीट की सख़्ती को जांचने में किया जाता है, खासकर जब आप RCC संरचना की मरम्मत करना चाहते हैं।
हमने पहले ही उन बातों पर चर्चा की है जो रिबाउंड हेमर टेस्ट के परिणामों को प्रभावित करती है। हमने रिबाउंड हेमर टेस्ट का उपयोग और उसकी रुकावटों के बारे में भी चर्चा की है। परीक्षण के दौरान कि सावधानी और रिबाउंड हेमर टेस्ट की प्रक्रिया यहां दी गई है। हम रिबाउंड हेमर ग्राफ के बारे में भी चर्चा करते हैं, जो कंक्रीट की संपीड़न शक्ति(Compressive Strength)और रिबाउंड नंबर के बीच का संबंध दिखाती है।
रिबाउंड हेमर क्या है
रिबाउंड हेमर एक उपकरण है, जिसका उपयोग कंक्रीट की उजागर सतह की या उसके नजदीक की सख़्ती के आधार पर उसकी संबंधित संपीड़न शक्ति(Compressive Strength) को आंकने में किया जाता है। रिबाउंड हेमर को श्मिट का हेमर या स्विस हेमर के रूप में भी जाना जाता है क्योंकि इसका आविष्कार अर्नस्टश्मिट, एक स्विस इंजीनियर द्वारा किया गया है।
रिबाउंड हेमर टेस्ट प्रक्रिया
रिबाउंड हेमर टेस्ट की प्रक्रिया में रिबाउंड हेमर के प्लंजर को कंक्रीट की सतह पर दबाया जाता है ताकि एक स्प्रिंग नियंत्रित पदार्थ निरंतर बल के साथ कंक्रीट की सतह से संयोग करें। साथ ही, स्प्रिंग नियंत्रित पदार्थ टकरा कर लौटता है।इस उछाल के परिमाण को केलिब्रेटेड स्केल पर सतह की सख़्ती के लिए मापा जाता है। यह माप आंकड़े को रिबाउंड नंबर या रिबाउंड इंडेक्स के रूप में नामित किया गया है।
जो RCC संरचना ओं में कम संपीड़न शक्ति (Compressive Strength)और कम सख़्ती वाला कंक्रीट पाया जाता है,उसका रिबाउंड नंबर या रिबाउंड इंडेक्स कम होता है। रिबाउंड नंबर के लिए परीक्षण के प्रत्येक बिंदु की औसतन 6 रीडिंग ली जानी चाहिए।
रिबाउंड हेमर टेस्ट प्रक्रिया करते समय कौन सी सावधानी बरतनी चाहिए
- सतह मुलायम साफ और सुखी होनी चाहिए।
- परीक्षण से पहले ढीली सतह को ग्राइंडिंग व्हील या पत्थर से रगड़ देना चाहिए।
- प्रभाव का बिंदु किनारे या तीक्ष्ण अलगाव से कम से कम 20 mm की दूरी पर होना चाहिए।
- कंक्रीट के अपूर्ण कॉम्पेक्शन, सीमेंट ग्राउट का नष्ट होना,खराब या टूलड सरफेस के परिणाम स्वरुप उज्जड़ सतह पर कभी भी परीक्षण नहीं किया जाना चाहिए।
IS १३३११(भाग२): १९९२, BS ६०८९-८१औरBS १८८१-२०२ में स्टैंडर्ड रिबाउंड हेमर टेस्ट प्रक्रिया को समझाया गया है।
संपीड़न शक्ति (Compressive Strength) का स्पष्टतः मूल्यांकन हेमर पर दिए गए ग्राफ से किया जा सकता है।
रिबाउंड हैमर टेस्ट ग्राफ क्या है
रिबाउंड हेमर टेस्ट ग्राफ कंक्रीट की मजबूती और रिबाउंड नंबर के पारस्परिक संबंध को समझाता है। जहां ‘a’ रिबाउंडहेमर यंत्र की स्थिति का कोण है। रिबाउंड हेमर को हमेशा कंक्रीट या अन्य सामग्री के क्षेत्र से लंबवत्त ही उपयोग करें।
सख्त कंक्रीट पर परीक्षण करने से पहले रिबाउंड हेमर को ठीक करना आवश्यक है। रिबाउंड हेमर के अंशांकन (Calibration)करने के लिए उपयुक्त तरीका यह है कि 150mm x 150mm x 150mm के माप के कंक्रीट घन का परीक्षण पहले रिबाउंड हेमर और फिर कंप्रेशन टेस्टिंग मशीन(CTM) की मदद से किया जाए। यदि रिबाउंड हेमर टेस्ट के मजबूती के परिणाम CTM परिणामों के साथ बिल्कुल मेल खाते हैं, तो यह उपयोग करने के लिए तैयार है। लेकिन यदि परिणामों में पाया गया फर्क बड़ा है, तो परीक्षण से पहले रिबाउंड हेमर का अंशांकन(Calibration)करना आवश्यक है।
रिबाउंड नंबर के आधार पर कंक्रीट की गुणवत्ता की जांच कैसे करें
नीचे दिया गया कोष्ठक औसतन रिबाउंड नंबर या रिबाउंड इंडेक्स के आधार पर कंक्रीट की गुणवत्ता दिखाता है।
औसतन रिबाउंड नंबर | कंक्रीट की गुणवत्ता |
> 40 | बहुत अच्छी |
30 -40 | अच्छी |
20-30 | ठीक |
< 20 | कमजोर |
0 | बहुत कमजोर |
रिबाउंड हेमर टेस्ट प्रक्रिया कई मुद्दों पर निर्भर करती है, जो परीक्षण के परिणामों को प्रभावित करते हैं। कंक्रीट की मजबूती केवल तभी मान्य होगी जब वह परीक्षित कंक्रीट और अंशांकन(Calibration) आदर्शों के लिए मानकी कृत हो। कोई भी सुधार या मजबूती संबंधी प्रस्तावों को निर्धारित करने से पहले, इंजीनियर को संयोजन में विभिन्न परीक्षण करने के लिए अपनी सामान्य समझ का उपयोग करना चाहिए और उसके बाद ही फ़ैसला करना चाहिए।
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