डैडो (Wall) टाईल का काम करते समय क्या करें और क्या न करें!

This post is also available in: English

घर की आंतरिक सजावट (इंटीरियर) और अनुभूति में टाइल्स की महत्वपूर्ण भूमिका होती है. आजकल टाइल्स का इस्तेमाल केवल जमीन पर ही नहीं बल्कि दीवारों पर भी इस्तेमाल होता है. सामान्यतः दीवार पर टाइल्स का इस्तेमाल रसोई, टॉयलेट इत्यादि में किया जाता है, चूंकि वे आपके घर को एक आकर्षक रूप प्रदान करती हैं और घर में नमी से सुरक्षा देती हैं और निश्चित रूप से उनकी साफसफाई एवं रखरखाव आसान होता है.

डैडो टाईल का काम

डैडो से आप क्या समझते हैं?

जब कमरे की दीवारों पर निचले हिस्से में टाइल्स लगाई जाती हैं जो विशेष रूप से ऊपरी हिस्से से अलग ढंग से सजाई जाती हैं, उन्हें डैडो कहा जाता है.

डैडो टाइल्स को मुख्यतः रसोई और टॉयलेट में लगाई जाती है. ये दीवार टाइल्स दीवारों को अक्सर होने वाले मानवीय स्पर्श से खराब होने से बचाती है और बाथरूम में यह प्लास्टर की रंगी गयी दीवारों को धोने और नहाने के दौरान उड़े पानी के छींटों से बचाती है. कभी कभी इनका इस्तेमाल बेडरूम और लिविंगरुम में भी किया जाता है, क्योंकि यह दीवार को फर्नीचर के कारण होने वाले नुकसान से बचाती हैं. कुछ प्राकृतिक पत्थरों के अतिरिक्त सिरेमिक टाइल्स, विट्रीफाईड टाइल्स इत्यादि का सामान्य तौर पर डैडो टाइल्स के रूप में इस्तेमाल किया जाता है.

सामान्यतः उन्हें दीवार पर 3 से 7 फिट(0.9 मीटर से 2.1 मीटर) की ऊँचाई तक लगाया जाता है और कभी कभी पूरी ऊंचाई तक लगाया जाता है.

क्या करे या क्या न करे डैडो टाइल्स डैडो टाइल्स का काम करवाते समय

यहाँ हम कुछ महत्वपूर्ण बातें साझा कर रहे हैं, जिन्हें आप डैडो टाइल्स काम करवाते समय ध्यान में रखें:

डैडो (wall) टाईल का काम करवाते समय यह करें

  • डैडो टाइल्स का काम शुरू करने से पहले यह सुनिश्चित करें कि डैडो काम के लिए वर्टिकल सतह खुरदरी है, साहुल(प्लंब)सही है और आपस में कटने वाली दीवारें समकोण पर हों.
  • डैडो टाइल्स लगाने का काम प्रारंभ करने से पहले प्लंबिंग और बिजली काम पूरा कर लें.
  • डैडो टाइल्स का काम प्रारंभ करने से पहले टोटियों (टैप्स) ,बाॅटलट्रैप्स, साबुन दानी इत्यादि की जगह को मार्क कर लें.
  • टाईल लगाने के पहले दीवार पर चाॅक से चिन्ह बना लें.
  • टाईल लगाने के पहले टाईल को कम से कम 2 घंटे पानी में डुबो कर रखें.
  • दीवार की जिस सतह पर आप टाइल्स लगाना चाहते हैं, वहाँ सुनिश्चित करें कि टाइल्स लगाने के पहले सतह अच्छी तरह से सूखी हो और यह प्रत्येक दोषों से मुक्त हो.
  • दीवार की सभी आन्तरिकपर्तें मजबूत हों. आन्तरिक पर्त में अतिरिक्त हलचल टाइल्स को और ग्राउट(मसाले) को दरका सकता है या ढीला कर सकता है क्योंकि डैडो टाइल्स लोचशील नहीं है.
  • दीवार पर लगाने से पहले डैडोटाइल्स को जमीन पर बिछाएं.
  • पहले सबसे ऊपरी टाइल्स को लगाएं या बिछाएं और यदि जमीन में ढलान की वजह से स्तर में अंतर है तो सबसे नीचे तक की ऊंचाई को समायोजित करें.
  • जब आप दीवार की टाइल्स का इस्तेमाल कर रहे हैं और चूंकि आप नीचे अलग अलग ऊंचाई और पैटर्न की टाइल्स नही दिखाना चाहते हैं अत: हमेशा सभी टाइल्स को कमरे में फैला दें और जांचें कि दीवार की सभी टाइल्स एकही रंग,पैटर्न और शेड की हों.यदि वे अलग हैं तो उन्हें बदल दें और केवल एक जैसी तथा समान दिखने वाली टाइल्स का इस्तेमाल सुनिश्चित करें.
  • यदि टाइल्स के डिजाइन में कोई पैटर्न हो तो इन्हें लगाने से पहले व्यवस्थित क्रम में रखें ताकि सटीक डिजाइन बन सके.
स्थापित करने वाली टाइलें की पैटर्न
  • टाइल्स को हमेशा खड़े (वर्टिकल) और आड़े (हॉरिजॉन्टल) रूप से एक रेखा में मिलाएं.
  • दो सतहों के जोड़ की जगह पर टाइल को चैम्फॅ किजीये अन्यथा दो टाइल्स के जुड़ने के स्थान पर मोटाई अच्छी नहीं लगेगी.
  • टाइल्स को काटने के लिए हीरा (डायमंड) कटर का इस्तेमाल करें.
  • दीवार की सतह के हिसाब से टाइल्स को दीवार पर लगाएं.
  • दो टाइल्स के बीच जोड़ का अंतर न्यूनतम होना चाहिए, अतिरिक्त सीमेंट जोड़ों को हटा दें और इसे सफेद सीमेंट से भर दें.
  • गारे की पर्त (मार्टरबेडिंग) को सही ढंग से भरा जाए ताकि खोखलापन न रहे.
डैडो टाइल्स इंस्टालेशन
  • यदि आपको दीवार के आकार के कारण टाईल को उनके आकार से अलग आकार में काटना पडे़ तो ऐसी अनियमित आकार वाले टाइल्स को कहाँ लगाना है, इसका निर्धारण पहले से ही कर लें.
  • डैडो को दीवार पर 3 से 7 फिट (9 से 2.1 मीटर) तक लगाएं या आप इसे पूरी दीवार पर भी लगा सकते हैं.
  • खिड़की वाले हिस्से की दशा में, यदि निचले हिस्से में देहली ( सिल) नहीं दी गई है तो सुनिश्चित करें कि टाईलिंग में समान ढलान हो और यह खडी़ (वर्टिकल) टाइल्स को ढके.
  • यदि आप दीवार पर विट्रीफाईड (काचकृत) टाइल्स लगाना चाहते हैं तो आपको सीमेंट जैसे जोड़ने वाले पदार्थ का इस्तेमाल करने की आवश्यकता है. यदि कुशलता से न लगाया जाए तो सीमेंट का जोड़ नहीं टिकेगा.

डैडो (wall) टाईल का काम करवाते समय यह न करें

  • कार्यस्थल (साईट) पर बिना जांच कोई भी मैटेरियल स्वीकार नहीं करें.
  • ज्यादा मोटाई वाली टाइल्स का इस्तेमाल न करें क्योंकि ये उभर सकती हैं या वजन के कारण गिर सकती हैं.
  • डैडो कार्य के लिए बहुत बड़े आकार की टाइल्स का इस्तेमाल न करें.
  • टाइल्स को ठोकने के लिए धातु के हथौड़े का इस्तेमाल न करें अन्यथा यह दरक सकती हैं.
  • क्षतिग्रस्त किनारों वाली टाइल्स का इस्तेमाल न करें.
  • टाइल्स की सतह पर अतिरिक्त ग्राउटिंग मैटेरियल न छोड़ें, इसे गीले स्पंज से पोंछ दें.
टाइल्स की सतह पर अतिरिक्त ग्राउटिंग मैटेरियल न छोड़ें
  • ऐसे ग्राउट(मसाले) का इस्तेमाल न करें जो पहले से ही सेट हो.अत: दिन के किसी हिस्से में काम हेतु निर्धारित दीवार के लिए आवश्यकता से अधिक ग्राउट( मसाला) न बनाएं.
  • इसलिए टाईल लगाते समय सावधानी बरती जाए अन्यथा यह भविष्य में आपको
  • ज्यादा खर्चे में डाल सकती है.

हमेशा भविष्य में किसी आकस्मिक घटना दृष्टि से कुछ अतिरिक्त टाइल्स खरीद कर रख लें क्योंकि हो सकता है कि भविष्य में प्लंबिंग की लाइन की मरम्मत के कारण या किसी टाईल के टूटने पर इसे बदलने के लिए उसी बैच और डिजाइन की टाईल आपको न मिले.

Image Courtesy: Image 1Image 5

Do you have query?

Let our experts solve it for you while you rest

I need help to