ग्रेनाइट और संगमरमर हमारे घरों के अंदरूनी और बाहरी हिस्सों में सबसे अधिक इस्तेमाल किया जाने वाले प्राकृतिक पत्थर हैं। जब हम ग्रेनाइट और संगमरमर की तुलना करते हैं, तो इनकी बनावट, रंग और दिखावट एक ऐसा फैसला लेने में अहम भूमिका निभाते हैं कि इनमें से किस पत्थर को चुना जाए! सौंदर्यता के आधार पर दोनों पत्थरों की प्रकृति, ठोसपन की डिग्री, दाग-ध्ब्बों से उनकी प्रतिरोधक क्षमता, टिकाऊपन और लागत एक-दूसरे से भिन्न होती है ।
यह ध्यान देने योग्य है कि संगमरमर खदान से निकाले गए सभी पत्थर ‘’संगमरमर’’ नहीं होते हैं। आपको पत्थर के भौतिक गुणधर्मों, आकृति, आकार, प्रतिकृति, संरचना और रंग के आधार पर उनका चयन एवं वर्गीकरण करना होगा। दूसरी ओर, ग्रेनाइट पत्थर के मामले में ऐसा नहीं है।
यहां हम आपको ग्रेनाइट और संगमरमर पत्थरों के बीच अंतर बता रहे हैं जो आपको सही फैसला करने में मदद करेगा।
01. संघटन
ग्रेनाइट
- ग्रेनाइट का पत्थर एक इग्निअस रॉक (आग्रेय शैल) है, जो अपघटित मैग्मा से बनता है।
संगमरमर
- संगमरमर एक मैटोमॉर्फिक रॉक व शिला है जो अत्यधिक ताप और उच्च दवाबों के कारण चूने के पत्थर (लाइमस्टोन) से बनता है।
02. उपयोग
ग्रेनाइट
- ग्रेनाइट का उपयोग आवासीय भवनों तथा सार्वजनिक भवनों, आदि में फर्श, काउन्टरटॉप, किचन आइलैंड, बैसिन्स, वेनिटी टॉप्स, क्लैडिंग, स्टैप्स, डोर-विन्डो सिल-जैम्ब और फ्रेम, बैक्स्प्लैसिस, पेविंग, फायरप्लेस मैन्टल, स्कर्टिंग, डैडो के लिए किया जाता है।
- यह ठोस पत्थर होता है, इसलिए यह मूर्तियां बनाने में इस्तेमाल नहीं किया जाता है।
संगमरमर
- संगमरमर का उपयोग आवासीय भवनों तथा मंदिर, सजावटी इमारतों सहित सार्वजनिक भवनों, आदि में फर्श, स्टेयर ट्रीड्स, काउन्टरटॉप्स, वॉकवेज़, टेबल टॉप्स, वॉल टाइल्स, सिंक, संग्रहालयों, पेवमेंट, लैंडस्केप में संदलित संगमरमर, टेबलटॉप डिस्प्ले, साबुनदानी, और सजावटी बाउल्स के लिए किया जाता है।
- यह एक मुलायम पत्थर होता है और इसे आसानी से मोल्ड किया जा सकता है। अत: मूर्तियां और सजावटी सामान बनाने में इसका सबसे ज्यादा इस्तेमाल किया जाता है। इसलिए मंदिरों में इसका इस्तेमाल ज्यादा किया जाता है।
03. दिखावट
ग्रेनाइट
- ग्रेनाइट पत्थर में कई छोटे कण दिखाई देते हैं। सभी कण (स्पेक्स) विभिन्न कलर में दिखते हैं और ग्रेनाइट पत्थर में विभिन्न पैटर्नों के साथ नीले, बादामी (ब्राउन) भूरे, काले और सफेद रंग के काण होते हैं।
संगमरमर
- संगमरमर में सुन्दर वेन्स पैटर्न होते हैं, जो विभिन्न आकृतियों, आकारों और रंगों में होते हैं। यह हरे, नीले, भूरे, गुलाबी, सफेद तथा हल्के सफेद (प्योर स्पॉटलेस व्हाइट) रंगो सहित अनेक प्रकार के रंगों (अर्थ-टोन्ड कलर्स) में भी उपलब्ध होता है।
04. लोकप्रिय पत्थर
ग्रेनाइट
- झांसी रेड, राजस्थान ब्लैक, आइवरी ब्राउन, इंडियन व्हाइट, सिंदूरी रेड, कश्मीर व्हाइट, आदि लोकप्रिय ग्रेनाइट पत्थर हैं।
संगमरमर
- व्हाइट, केसरियाजी ग्रीन, उदयपुर पिंक, मकराना व्हाइट, अगेरिया व्हाइट, इटालियन, राजनगर प्लेन व्हाइट, जैसलमेर, अम्बाजी उदयपुर ग्रीन, आदि लोकप्रिय संगमरमर पत्थर हैं।
05. विकल्प
ग्रेनाइट
- इसके पैटर्न और रंगों के विकल्प सीमित हैं।
संगमरमर
- यह अनेक पैटर्न और रंगों में उपलब्ध होता है और विकल्प काफी हैं।
06. लाभ
ग्रेनाइट
- ग्रेनाइट पत्थर को साफ रखना और उसे कायम करना बहुत आसान है।
- यह भारी आवागमन के लिए उपयुक्त है।
- ग्रेनाइट पत्थर पर सील की सही ढंग से कोटिंग किए जाने तथा उचित देखभाल किए जाने से, ग्रेनाइट पर कोई खरोंच, दाग-धब्बा और चिपिंग के बिना यह कई सालों तक टिकाऊ रह सकता है।
- ग्रेनाइट पत्थर में संगमरमर जितनी ठंडक नहीं होती है।
- इस पर मौसम का प्रभाव नहीं पड़ता है।
संगमरमर
- संगमरमर में पारदर्शिता होती है जिसके कारण इसमें चमक रहती है। इसे जिस भी कमरे में लगाया जाए, वहां चमक दिखाई देगी।
- शिल्प कला में विशेष उपयोग के कारण, संगमरमर काफी लोकप्रिय है। इससे मूर्तियां बनाने से लेकर स्मारक/संग्रहालय तथा वाल टाइल एवं फ्लोर टाइल के लिए इस्तेमाल किया जाता है। ताजमहल, जिसे की दुनिया का सातवां अजूबा माना जाता है, वह सफेद संगमरमर से ही बना है।
- संगमरमर बाथरूम में ज्यादा इस्तेमाल किया जाता है।
- ग्रेनाइट की तुलना में यह ज्यादा मुलायम दिखता है।
- सफेद संगमरमर पत्थर को सफेद सीमेंट के साथ सफेद या पीली मिट्टी/रेत (काली रेत नहीं) की सतह पर उपयोग करना बेहतर है। इसका सफेदपन बनाए रखने और उसे बढ़ाने के लिए पत्थर के अंदरूनी भाग में सफेद सीमेंट आधारित पेंट का उपयोग करने की सलाह दी जाती है।
- संगमरमर टाइलों के जोड़ों को आसानी से मिलाया जा सकता है।
07. अलाभ
ग्रेनाइट
- उच्च पॉलिश (चमकदार) ग्रेनाइट पत्थर की टाइलें गीली होने पर फिसलाऊ हो सकती हैं और बच्चों के अलावा, व्यस्कों के लिए भी खतरनाक हो सकती हैं।
- ग्रेनाइट बहुत भारी पत्थर है, अत: इसे लगाने के समय पर अत्यधिक सावधानी की जरूरत होती है।
- ग्रेनाइट पत्थर ज्यादा टिकाऊ होता है। इसलिए इसकी सुंदरता को बनाए रखने के लिए अत्यधिक रखरखाव की जरूरत है।
- ग्रेनाइट पत्थर के कोने नुकीले और तेज धारदार होते हैं जिससे चोट लग सकती है। अत: उसके कोनों को रेती आदि उपकरण से समतल, गोलाकार और मुलायम बनाने की जरूरत होती है, जो कि बहुत महंगा कार्य है।
- चूंकि इसका आवरण (क्लैडिंग) भारी होता है, इसलिए अरालडाइट जैसी अड्हीसिव, के साथ बोल्टिंग या फिक्सिंग या दोनों कार्य कराए जाने की जरूरत होती है।
- इसे आम तौर पर प्री-पॉलिश्ड रूप में स्थापित किया जाता है, इसलिए इसके ज्वाइंट पर एक पत्थर की धार दूसरे पत्थर की धार से पूरी तरह नहीं मिलती है जिसके कारण कभी-कभी नुकसान हो सकता है या वह देखने में भद्दी लग सकती है।
संगमरमर
- संगमरमर की सबसे बड़ी कमजोरी उसकी अत्यधिक संरध्रता (पोरोसिटी) है और यह किसी भी धूल युक्त तरल पदार्थ या पानी को भी सोख लेता है जिससे यह भद्दा और गंदा दिखता है।
- संगमरमर अम्लीय पदार्थों, जैसे कि नींबू रस और सिरका आदि से संवेदनशील है। इसलिए, यह किचन काउंटर टॉप्स के लिए उपयुक्त पत्थर नहीं है।
- संगमरमर पर पैर रखने में ठंडापन महसूस होता है, इसलिए जिन क्षेत्रों में तापमान आमतौर पर लंबे समय तक कम रहता है, वहां कमरों में इसके उपयोग की सलाह नहीं दी जाती है।
- सगमरमर भारी आवागमन के लिए उपयुक्त नहीं है और इसलिए कुछ समय के उपरांत यह अपनी चमक खो सकता है।
- संगमरमर मौसम की स्थितियों से प्रभावित होता है और इस पर आयरन ऑक्साइड तत्व गिर जाने से इसमें पीलापन आ जाता है।
- इसे कमरे के लिए अधिक मात्रा में खरीदा जाना चाहिए क्योंकि कुछ समय के बाद जब कोई पत्थर को किसी भी खराबी के कारण बदलना पड़े, तो समान प्रकार का संगमरमर मिलना मुश्किल होता है।
06. पॉलिश
ग्रेनाइट
- आमतौर पर, ग्रेनाइट प्री-पॉलिश्ड अर्थात अधिकतर मिरर पॉलिश्ड रूप में होता है।
संगमरमर
- संगमरमर में पॉलिश की जरूरत उसको स्थापित करने के बाद पड़ती है और इसलिए इसमें बहुत समय लगता है। यह मिरर पॉलिशयुक्त हो भी सकता है या नहीं भी हो सकता है।
09. विशेषताएं
(a) टिकाऊपन
ग्रेनाइट
- ग्रेनाइट पत्थर सख्त, कठोर और टिकाऊ होता है। यह संगमरमर से ज्यादा टिकाऊ होता है।
संगमरमर
- संगमरमर सख्त, भारी और ठोस पत्थर है।
(b) पोरोसिटी (संरंध्रता)
ग्रेनाइट
- यह संगमरमर की तुलना में कम संरंधीय व छिद्रिल होता है।
संगमरमर
- यह ग्रेनाइट की तुलना में ज्यादा संरंधीय है क्योंकि संगमरमर वाइन, जूस, नींबू तथा सिरके जैसे द्रव पदार्थों को सोख लेता है जिससे उस पर हमेशा के लिए धब्बे एवं निशान पड़ सकते है जिनका उपचार संभवत: कठिन है।
(c) खरोंच से प्रतिरोध
ग्रेनाइट
- संगमरमर पत्थर की तुलना में ग्रेनाइट का पत्थर खरोंच से अधिक प्रतिरोधी है।
संगमरमर
- ग्रेनाइट पत्थर की तुलना में, संगमरमर का पत्थर खरोंच से कम प्रतिरोधी है क्योंकि भारी वस्तुओं का सतह पर गिरना, सतह को नुकसान पहुंचा सकता है।
(d) दाग-धब्बों से प्रतिरोध
ग्रेनाइट
- दाग-धब्बों के मामलों में, यह संगमरमर की तुलना में अधिक प्रतिरोधी है।
संगमरमर
- दाग-धब्बों के मामलों में, यह संगमरमर की तुलना में कम प्रतिरोधी है।
(e) अम्लीय पदार्थों से प्रतिरोध
ग्रेनाइट
- ग्रेनाइट अम्लीय पदार्थों से अधिक प्रतिरोधी है।
संगमरमर
- संगमरमर अम्लीय पदार्थों से प्रतिरोधी नहीं है। अम्लीय पदार्थों के संपर्क में आने से इसका रंग और बनावट बदल जाएगी।
10. रखरखाव
ग्रेनाइट
- इसमें संगमरमर पत्थर की तुलना में कम रखरखाव की जरूरत पड़ती है।
संगमरमर
- इसका रंग फीका न पड़े, इसके लिए रखरखाव की ज्यादा जरूरत पड़ती है। इस पर कोई धब्बा पड़ जाने पर आपको उसे तुरंत साफ करना होगा ताकि धब्बे स्थायी रूप न ले लें।
11. आकार
ग्रेनाइट
- ग्रेनाइट पत्थर को चट्टानों से निकाला जाता है जो एक-रूप नहीं होता और इसकी 10 से 15 फीट लंबाई तथा 5 से 8 फीट चौड़ाई होती है। फिर, पत्थर की पट्टी व स्लैब को काटा जाता है और जरूरत के अनुसार बाजार में बेचा जाता है।
संगमरमर
- संगमरमर पत्थर को चट्टानों से निकाला जाता है जो एक-रूप नहीं होता और इसकी 10 से 15 फीट लंबाई तथा 5 से 8 फीट चौड़ाई होती है। तत्पश्चात, पत्थर की पट्टी को काटा जाता है और बाजार में बेचा जाता है।
12. लागत
ग्रेनाइट
- ग्रेनाइट पत्थर की पट्टी की लागत उसके साइज, मोटाई और गुणवत्ता पर निर्भर होती है। ग्रेनाइट पत्थर की लागत लगभग रू. 60 से रू. 500 प्रति वर्ग फीट तक है।
संगमरमर
- संगमरमर पत्थर की पट्टी की लागत उसके स्लैब की मोटाई, साइज, गुणवत्ता और मात्रा पर निर्भर होती है। संगमरमर की लागत लगभग रू. 50 से रू. 2000 प्रति वर्ग फीट तक है। लेकिन अच्छी गुणवत्ता के संगमरमर या शुद्ध संगमरमर पत्थर की लागत काफी अधिक होती है जो उसके साइज पर निर्भर करती है।
विशेष टिप्पणियां
ग्रेनाइट और संगमरमर पत्थरों पर दी गई उपरोक्त जानकारी से हम इस निष्कर्ष पर पहुंच सकते हैं कि भले ही दोनों पत्थर एक-समान हैं, पर उनकी सौंदर्यता, भौतिक गुणधर्म व विशेषता, लागत और टिकाऊपन भिन्न है। मुख्य रूप से पत्थर का चयन उसकी दृश्यता प्रभाव पर (जिसे आप अपने घर के आंतरिक सजावटी कार्य में शामिल करना चाहते हैं) और पत्थर का इस्तेमाल आप कैसे और कहां करना चाहते हैं, उस पर आधारित होता है। इसके अलावा, आपको अपने बजट को भी ध्यान में रखना होगा।