आरसीसी फ्रेम्ड ढांचे में पूरे वजन को बीम और स्लैब पर टिकाया जाता है और लोड बेअरिंग ढांचे (स्ट्रक्चर) में भार झेलनेवाले ढांचे को ईंट की दीवार का आधार होता है। बीम और स्लैब का पूरा भार कॉलम्स के जरिए आरसीसी ढांचा (स्ट्रक्चर) की फूटिंग पर ट्रांसफर हो जाता है और ईंट की दीवार का भार ईंट की नींव पर चला जाता है।
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आरसीसी फ्रेम ढांचा (स्ट्रक्चर)
- लोड ट्रांसफर का मार्ग स्लैब से बीम, बीम से कॉलम और कॉलम से फूटिंग पर जाता है।
लोड बेअरिंग (स्ट्रक्चर)
- लोड ट्रांसफर का मार्ग स्लैब से दीवार, और दीवारों से फूटिंग पर जाता है।
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आरसीसी फ्रेम ढांचा (स्ट्रक्चर)
- बहुमंजिला इमारतों का निर्माण किया जा सकता है
लोड बेअरिंग (स्ट्रक्चर)
- सीमित मंजिलों वाली इमारतें ही बनाई जाती हैं।
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आरसीसी फ्रेम ढांचा (स्ट्रक्चर)
- भूकंप प्रतिरोधी होती तो हैं, लेकिन यदि ठीक से डिजाइन नहीं की जाती हैं तो अधिक खतरनाक भी हो सकती हैं।
लोड बेअरिंग (स्ट्रक्चर)
- भूकंप की कम प्रतिरोधी
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आरसीसी फ्रेम ढांचा (स्ट्रक्चर)
- आरसीसी फ्रेम्ड ढांचे (स्ट्रक्चर) में ज्यादा कार्पेट एरिया उपलब्ध होता है।
लोड बेअरिंग (स्ट्रक्चर)
- लोड बेअरिंग ढांचे (स्ट्रक्चर) में कार्पेट एरिया कम उपलब्ध होता है।
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आरसीसी फ्रेम ढांचा (स्ट्रक्चर)
- निर्माण के सबसे अधिक प्रयुक्त स्वरूप
लोड बेअरिंग (स्ट्रक्चर)
- आजकल निर्माण का सबसे कम प्रयुक्त स्वरूप
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आरसीसी फ्रेम ढांचा (स्ट्रक्चर)
- आरसीसी फ्रेम्ड ढांचे के निर्मार के लिए खुदाई काम कम होता है।
लोड बेअरिंग (स्ट्रक्चर)
- लोड बेअरिंग ढांचे के लिए खुदाई काम अधिक होता है।
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आरसीसी फ्रेम ढांचा (स्ट्रक्चर)
- इसमें कम मजदूर लगते हैं।
लोड बेअरिंग (स्ट्रक्चर)
- इसमें अधिक मजदूर लगते हैं।
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आरसीसी फ्रेम ढांचा (स्ट्रक्चर)
- निर्माण की रफ्तार बहुत ज्यादा होती है।
लोड बेअरिंग (स्ट्रक्चर)
- निर्माण की रफतार कम होती है।
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आरसीसी फ्रेम ढांचा (स्ट्रक्चर)
- इसमें कम सामग्री लगती है।
लोड बेअरिंग (स्ट्रक्चर)
- इसमें ज्यादा सामग्री लगती है।
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आरसीसी फ्रेम ढांचा (स्ट्रक्चर)
- इसमें ईंटें कम लगती हैं।
लोड बेअरिंग (स्ट्रक्चर)
- इसमें ज्यादा ईंटें लगती हैं।
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आरसीसी फ्रेम ढांचा (स्ट्रक्चर)
- इसमें सीमेंट और स्टील का अधिक उपयोग होता है।
लोड बेअरिंग (स्ट्रक्चर)
- इसमें सीमेंट और स्टील का कम उपयोग होता है।
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आरसीसी फ्रेम ढांचा (स्ट्रक्चर)
- यह निर्माण का हरित उपाय है।
लोड बेअरिंग (स्ट्रक्चर)
- यह निर्माण का पर्यावरण हितैषी उपाय नहीं है क्योंकि इसमें अधिक ईंटों का उपयोग होता है और ईंट बनाने में अधिक गैसें निकलती हैं और यह मिट्टी की उपजाऊ परत को खत्म कर देता है।
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आरसीसी फ्रेम ढांचा (स्ट्रक्चर)
- आरसीसी फ्रेम्ड ढांचा (स्ट्रक्चर) क्षरण के प्रति संवेदनशील होता है।
लोड बेअरिंग (स्ट्रक्चर)
- लोड बेअरिंग ढांचा (स्ट्रक्चर) क्षरण द्वारा प्रभावित नहीं होता।
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आरसीसी फ्रेम ढांचा (स्ट्रक्चर)
- मरम्मत की लागत ज्यादा होती है।
लोड बेअरिंग (स्ट्रक्चर)
- मरम्मत की लागत कम होती है।
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आरसीसी फ्रेम ढांचा (स्ट्रक्चर)
- यदि ठीक से नहीं किया जाता है तो आयु घट जाता है।
लोड बेअरिंग (स्ट्रक्चर)
- काम की तकनीक का आयु पर कम असर पडता है।
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आरसीसी फ्रेम ढांचा (स्ट्रक्चर)
- आरसीसी फ्रेम्ड ढांचे (स्ट्रक्चर) में निर्माण के लिए कुशल कारीगरों की जरूरत होती है।
लोड बेअरिंग (स्ट्रक्चर)
- लोड बेअरिंग ढांचे (स्ट्रक्चर) में इसे, कुशल तथा अकुशल करीगर भी बना सकते हैं।
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आरसीसी फ्रेम ढांचा (स्ट्रक्चर)
- दीवार की मोटाई सब जगह एक समान रखी जा सकती है।
लोड बेअरिंग (स्ट्रक्चर)
- दीवार की मोटाई को सब जगह एक समान नहीं रखा जा सकता।
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आरसीसी फ्रेम ढांचा (स्ट्रक्चर)
- आर्किटेक्चरल डिजाइन में अधिक लौचिकता होती है क्योंकि इसमें दीवार पर दीवार बनाने की जरूरत नहीं होती। इसीलिए अलग अलग मंजिलों पर कमरों की रूपरेखा अलग अलग हो सकती है।
लोड बेअरिंग (स्ट्रक्चर)
- आर्किटेक्चरल डिजाइन में कोई लौचिकता नहीं होती है क्योंकि दीवारें दीवारों पर ही बनानी होती हैं। इसीलिए विभिन्न मंजिलों पर कमरे बदले नहीं जा सकते।
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आरसीसी फ्रेम ढांचा (स्ट्रक्चर)
- यहां कमरों की लंबाई चौडाई बदलने की लौचिकता होती है।
लोड बेअरिंग (स्ट्रक्चर)
- इसमें कमरों की लंबाई चौडाई बदलना संभव नहीं होता।
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आरसीसी फ्रेम ढांचा (स्ट्रक्चर)
- सिस्टम में कैंटीलीवर पहलू आसानी से दिया जा सकता है।
लोड बेअरिंग (स्ट्रक्चर)
- कैंटीलीवर का पहलू इसमें शामिल करना कठिन है और इसकी अनुमति केवल कम अवधि के लिए होती है।
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आरसीसी फ्रेम ढांचा (स्ट्रक्चर)
- ऊँचाई बढने के साथ दीवार की मोटाई समान रहती है।
लोड बेअरिंग (स्ट्रक्चर)
- ऊँचार्स बढने के साथ दीवार की मोटाई बढती है।
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आरसीसी फ्रेम ढांचा (स्ट्रक्चर)
- आरसीसी फ्रेम पानी, आग, आवाज और गर्मी के लिए अतिरिक्त आवरण नहीं प्रदान करती और यह प्रदान करने के लिए इनफिल वॉल्स की जरूरत होती है।
लोड बेअरिंग (स्ट्रक्चर)
- लोड बेअरिंग में पानी, आग, आवाज और ऊष्मा के लिए अतिरिक्त आवरण मिलता है।
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आरसीसी फ्रेम ढांचा (स्ट्रक्चर)
- विस्तार की कोई सीमा नहीं होती है लेकिन कॉलम/दीवार के कारण खुला क्षेत्र बाधित हो सकता है।
लोड बेअरिंग (स्ट्रक्चर)
- विस्तार की सीमाएँ होती हैं।
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आरसीसी फ्रेम ढांचा (स्ट्रक्चर)
- बडे खुले क्षेत्र संभव हैं।
लोड बेअरिंग (स्ट्रक्चर)
- बडे खुले क्षेत्र संभव नहीं हैं।
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आरसीसी फ्रेम ढांचा (स्ट्रक्चर)
- नींव की गहराई में बढोतरी के साथ खर्च में अधिक बढोतरी नहीं होती।
लोड बेअरिंग (स्ट्रक्चर)
- यदि नींव की गहराई एक सीमा से अधिक हो जाती है, लोड बेअरिंग की नींव की लागत आरसीसी फ्रेम से अधिक होती है मान लीजिए १।२ मी से १।५ मी। तक
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आरसीसी फ्रेम ढांचा (स्ट्रक्चर)
- निर्माण सरल होता है।
लोड बेअरिंग (स्ट्रक्चर)
- निर्माण झंझट भरा होता है।
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आरसीसी फ्रेम ढांचा (स्ट्रक्चर)
- बीम कॉलम के जोइंटस को बारीकी से बनाना बहुत ही महत्वपूर्ण होता है और डिजाइन तथा क्रियान्यवन दोनों में कुशलता की जरूरत होती है।
लोड बेअरिंग (स्ट्रक्चर)
- प्लिंथ और लिंटल बैंड्स, कोने का रिइन्फोर्समेंट, खुले स्थानों पर रिइन्फोर्समेंट देना जरूरी होता है ताकि भूकंप का प्रतिरोध किया जा सके, इसके लिए कुशल मजदूरों की जरूरत होती है और यह झंझट भरा तथा समय खर्च करानेवाला होता है।