घर में रसोईघर, बाथरूम, और डब्लयूसी(टॉयलेट) से उत्पन्न हुए बेकार पानी का निपटान करना बहुत जरूरी है। यदि इसे खुले में निपटाया जाए तो यह न केवल मैली परिस्थितियां और गंदी बू पैदा करता है बल्कि यह संक्रामक रोग और बीमारियों को भी आमंत्रित करता है।
आमतौर पर अच्छी तरह से योजनाबद्ध शहरों में नगरपालिका इंफ्रास्ट्रक्चर में केंद्रीकृत गंदे नाले का नेटवर्क होगा होता है, जिसमें आप गंदा पानी नगरपालि का के गंदे नाले के सिस्टम (ड्रेनेज सिस्टम) के साथ जोड़ सकते हैं। इसीलिए अगर यह मौजूद है तो चिंता करने की कोई बात नहीं है।
लेकिन जब नगरपालिका की गंदे नाले की सिस्टम (ड्रेनेज सिस्टम) उपस्थित ना हो, तब सेप्टिक टैंक और सोक पिट प्रदान करना चाहिए। सेप्टिक टैंक में टॉयलेट के गंदे पानी का प्रवाह एकत्रित किया जाता है। यहां उस गंदे पानी को संसाधित करके सोक पिट के साथ जोड़ दिया जाता है।
बाथरूम, रसोईघर, आदि का गंदा पानी सीधा ही सोक पिट में जोड़ दिया जाता है।अंत में यह गंदा पानी इस सोक पिट में आसपास की मिट्टी में अवशोषित हो जाता है। एक तरह से, भले ही उचित अवशोषण क्षेत्र उपलब्ध हो, गंदा पानी भू जल को प्रदूषित करेगा।
सेप्टिक टैंक
सेप्टिक टैंकों का निर्माण ग्रामीण क्षेत्र, उपनगरीय इलाकों के बाहरी क्षेत्र,वियुक्त इमारते और संस्थानों, छात्रावास, होटेल, छोटी बस्तीयों में जहां गंदे पानी की पूर्ण प्रक्रिया का अंडरग्राउंड गंदी नाली का सिस्टम ना तो उपलब्ध हो या कि फायती हो या केंद्रीकृत गंदी नाली का सिस्टम मौजूद ना हो, वहा होता है।
सेप्टिक टैंक मुख्य रूप से सेडीमेंटशन (तलछट) बेसिन है जहां उक्त जीवाणु संबंधी पाचन के कारण छोटी मात्रा में पदार्थों का नाश हो सकता है। सेप्टिक टैंक आमतौर पर विभिन्न प्रकार के आवासीय और सार्वजनिक इमारतों के औसत दैनिक प्रवाह को 24 घंटे के लिए धारण करने के अनुरूप माप का बनाया हैं।
सेप्टिक टैंक का इस्तेमाल ऊंची मात्रा में सेटल हो जानेवाले पदार्थ वाले गंदे पानी के लिए किया जाता है, मिसाल के तौर पर घरेलू स्रोतों के प्रवाह के लिए।सेप्टिक टैंक एक संयुक्त सेडीमेंटशन (तलछट) एवं पाचन टेंक है जहां मल को कुछ समय तक रखा जाता है जब आवेज़ान (Suspended) हुए पदार्थ निचले भाग में बस जाते हैं। इसके साथ ही कीचड़ का उक्त जीवाणु संबंधी पाचन (anaerobic digestion) होता है जिसके परिणाम स्वरूप कीचड़ की मात्रा में प्रशंसनीय घटौती होती है और साथ ही कार्बन डाइऑक्साइड, मिथेन, और हाइड्रोजन सल्फाइड जैसी गेस भी मुक्त होती है। अबाधक पदार्थों को स्थिर करने के लिए सेप्टिक टैंक में उक्त जीवाणु संबंधी क्रिया गलने वाले जैविक पदार्थ की घटौती को पूरा नहीं कर सकती है। सेप्टिक टैंक के प्रवाह का पूर्ण रूप से ऑक्सीकरण होने से पहले हवा के संपर्क में आने पर वह आक्रमक होने के आधीन रहता है।असंसाधित प्रवाह से स्वास्थ्य काखतरा, रुकावटें और मच्छर प्रजनन हो सकता है।
सोक पिट
सोक पिट कोई भी आकार का एक सामान्य गड्ढा होता है जो 0.10 मीटर के क्रॉस सेक्शनल माप का होता है और जो प्रवेश पाइप के उल्टें लेवल के नीचे 1 मीटर की गहराई में होता है। गड्ढा पत्थर, ईंट, या सूखे खुले जोड़ वाले गाढ़े ब्लॉक्स से रेखांकित किया हो सकता है। गड्ढा आमतौर पर ढीला (loose) पत्थर, ईंट के टुकड़े और ईंट की गिट्टी की परतों से भरा होता है। गड्ढे को आरसीसी स्लेब से ढक दिया जाता है।
सोक पिट एक ऐसा गड्ढा है जिसके माध्यम से गंदे पानी को आस पास की मिट्टी में रिसने या घूलने दिया जाता है। गंदा पानी सोक पिट में निपटाया जा सकता है। पानी के सप्लाई में जीवाणु संबंधी प्रदूषण की संभावना को कम करने के लिए यह पीने के पानी का स्त्रोत जैसे कि कुआं या बोरवेल से कम से कम 18 मीटर और विशेषतः 30 मीटर दूर होना चाहिए। संरचना को, खासतौर परनींव को नुकसान टालने के लिए यह हमेशा नजदीकी रहने लायक इमारत से कम से कम 6 मीटर दूर होना चाहिए।