क्या आपको कभी यह जानने की उत्सुकता हुई है कि कुछ एयरकंडीशंड कमरे आपको ठंड का एहसास कराते हैं जबकि कुछ सिर्फ आराम देते हैं, ऐसा क्यों होता है?
एसीद्वारा तापमान को नियंत्रित बनाए रखना कई घटकों जैसे एसीकी क्षमता, कमरे का आकार, कमरे की स्थिति, कमरे में खिड़की/दरवाजे, कमरे में एसी की स्थिति, दीवार की मोटाई इत्यादि पर निर्भर करता है।
यह सही है कि आप अपने कमरे की स्थिति और उसकी दीवारों की मोटाई नहीं बदल सकते पर एसी की क्षमता और उसकी के लिये सर्वोत्तम स्थिति का निर्धारण करना तो आपके हाथ में है! इसलिए आइए, हम यह समझने की कोशिश करते हैं, कि आपके घर के एसी यूनिट की स्थिति किस प्रकार आपके एसी को सर्वाधिक प्रभावी और साथ ही उसे लागत मितव्ययी बना सकती है।
आपके कमरे में एसी यूनिट की सर्वोत्तम जगह
यह स्वाभाविक है कि आप अपने घर की एसी यूनिट की स्थिति का चयन इस प्रकार करेंगे कि आपको एयरफ्लो का सर्वाधिक सुखद एहसास हो। शायद आपको जानकारी न हो कि आपके बेहतरीन एसी यूनिट की स्थिति न केवल तापमान की व्यापकता उपलब्ध कराती है बल्कि बिजली की खपत को भी प्रभावित करती है।
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आपके घर का एसी यूनिट चाहे विंडो एसी हो या स्प्लिट एसी, उसे निम्नलिखित घटकों के आधार पर लगाकर फर्क महसूस करें:
एसी की ऊंचाई:
किसी भी स्थान पर एसी यूनिट की ऊंचाई तय करने में मानव शरीर के आकार की आनुपातिक बनावट की प्रमुखता होती है। मानव शरीर तब आरामदायक तापमान महसूस करता है जब शरीर का ऊपरी भाग अर्थात शरीर का धड़ उस वायु प्रवाह को वैसा मानता हो। इसलिये शरीर की बनावट की आनुपातिक माप के अनुसार हमें उस वायुप्रवाह की अनुभूति होती है जो जमीन की सतह से 3 से 5 फीट की ऊंचाई पर हो, यही कारण है कि एसीसे पर्याप्त ठंडक प्राप्त करने के लिए हम एसी यूनिट को इस ऊंचाई पर रखते हैं।
हम जानते हैं कि ठंडी हवा नीचे की ओर तथा गर्म हवा ऊपर की ओर बहती है, इसलिये वायुप्रवाह के इस नैसर्गिक संचालन चक्र के अनुरूप हम एसीको अधिक ऊंचाई पर स्थापित करते हैं।
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विंडो एसी से मानव शरीर को वायुप्रवाह की अनुभूति
स्प्लिट एसी से मानव शरीर को वायुप्रवाह की अनुभूति
विंडो एसी:
विंडो एसी को खिड़की में स्थापित किया जाता है, सामान्यतया खिड़की का दासा कमरे के फर्श से 3 – 4 फीट की ऊंचाई पर होता है। विंडो एसी का एयर डिफ्यूजर एसी यूनिट के मध्य में होने के कारण यूनिट से वायुप्रवाह एक सीधमें होता है, इसलिये विंडो एसी की फर्श से आदर्श ऊंचाई 3 से 4 फीट (0.9 से 1.2 मीटर) होती है।
विंडो एसी की ऊंचाई
स्प्लिट एसी:
स्प्लिट एसी की अंदरूनी यूनिट कमरे की दीवार पर बाहर उभरी हुई होती है इसलिये हम सलाह देते हैं कि ऐसे यूनिट को मानव शरीर की ऊंचाई से अधिक ऊंचाई पर स्थापित किया जाय ताकि कोई व्यवधान न हो। लेकिन हम यह भी चाहते हैं कि ठंडी वायु का प्रवाह शरीर की ऊंचाई से कम ऊंचाई तक रहे , इसलिए एसी के डिजायनरों ने स्प्लिट एसी के एयर डिफ्यूजको यूनिट के तल में इस प्रकार डिज़ाइन किया है कि हमे नीचे की ओर प्रक्षेपण से ज्यादा से ज्यादा वायुप्रवाह उपलब्ध हो सके। इसलिये स्प्लिट एसी की आंतरिक यूनिट कमरे के भीतर फर्श से 7-8 फीट(2.1-2.4 मीटर) की ऊंचाई पर स्थापित की जानी चाहिए, साथ ही फाल्स सीलिंग अथवा ऊपरी स्लैब और एसी यूनिट के बीच न्यूनतम 4 इंच (100मिमी) का खाली स्थान रखना चाहिए ताकि हवा पुनः एसी यूनिट में प्रविष्ट हो सके।
स्प्लिट एसी के वायुप्रवाह परिदृश्य को इस प्रकार समझा जा सकता है कि एसी यूनिट से शीतल वायु नीचे की ओर बह कर कमरे के निचले स्थान को आरामदायक ठंडा बना देती है तथा गर्म वायु हल्की होने से ऊपर की ओर बह कर एसी यूनिट के ऊपरी हिस्से में पहुंच जाती है। एसी के चलते रहने तक यह चक्र निरंतर चलता रहता है।
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स्प्लिट एसी की ऊंचाई
आपके स्थान पर ऐसी के स्थापन का आयोजन कैसे करे
हम सलाह देते हैं कि आप अपने कमरे की समरूपता के आधार पर एसी यूनिट को कमरे के मध्य में स्थापित करें जो कि तकनीकी दृष्टि से भी उपयुक्त है क्योंकि ऐसी अवस्था में यह एकसमान वायु संवितरण डिफ्यूज करता है।
कमरे के मध्य में एसी लगाने को प्राथमिकता दें
इनडोर यूनिट के अपवाद स्वरूप स्थान से बचें
कुछ अपवाद स्वरूप स्थानों में हम कमरे की खिड़कियों तथा फर्नीचर की जमावट के अनुरूप एसी यूनिट स्थापित करनेकी अनुशंसा करते हैं, उदाहरण के लिए ऐसे स्थान बैठक व्यवस्था समरूप नहो वहां हम एसी यूनिट को बैठक स्थान के मध्य भाग में स्थापित करने की सलाह देते हैं, लेकिन इसमें यह भी ध्यान रखा जाना चाहिए कि इसके सामने बैठे व्यक्ति पर इसका शीतवायु प्रक्षेपण सीधा न पड़ता हो।
एसी स्थान कमरे के फर्नीचर लेआउट पर निर्भर करता है
आउटडोर यूनिट से सामंजस्य आंतरिक और बाहरी एसी यूनिट के बीच की दूरी
बाहरी एसी यूनिट कई बार आवाज और कंपन उत्पन्न करते हैं इसलिए बाहरी युनिटत को कमरे के बाहर स्थापित किया जाता है और आंतरिक व बाहरी यूनिट को तांबे के पाइप से जोड़ा जाता है जिसमे से शीतल वायु प्रवाहित होती है। इस पाइप से वायु की शीतलता में क्षय को रोकने के लिए दोनो यूनिट के बीच की दूरी को न्यूनतम रखा जाना चाहिए। इसलिये प्रभावी शीतलता की प्राप्ति हेतु हम सलाह देते है कि दोनो यूनिट के बीच की दूरी 50 फीट (15 मीटर) से अधिक नहीं होनी चाहिए।
पानी निकासी व्यवस्था का सामंजस्य
आंतरिक एसी यूनिट के कार्यरत रहते इसमें से सघन वाष्पजल बाहर निकलता है। इसलिये इसका आंतरिक यूनिट इस प्रकार स्थापित किया जाना चाहिये कि इस निकासी योग्य पानी को बाहर निकालने में कठिनाई ना हो।
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ब्लू और ऑरेंज लाइन्स ड्रेन पाइप और कॉपर पाइपिंग क्रमशः हैं
उपयुक्त ठंडक पाने के लिये आपके टेकनीशियन के लिए यह अनिवार्य है कि ऊपर बताई गई बातों को ध्यान में रखते हुए ही एसी की स्थापना की जाय। यदि एसी यूनिट की स्थिति अलग अलग कमरों में वहां के ले आउट, दरवाजे/खिड़कियों की स्थिति एवम् एसी से प्राप्त प्रत्यक्ष/अप्रत्यक्ष वायुप्रवाह की स्थिति के आधार पर भिन्न भिन्न हो सकती है। आपके स्थान पर एसी की आदर्श स्थिति के चयन हेतु अन्य तकनीकी घटकों से भी निर्देशित होना बेहतर है।एसी यूनिट की स्थापना से पूर्व उपर्युक्त सभी पहलुओं पर विचार करना बेहतर है। आखिरकार , एयरकंडीशनर वाटर कूलर के समान पोर्टेबल तो होते नहीं इसलिए आप द्वारा लिया गया उचित निर्णय न केवल आपके पैसे की बचत करेगा वरन आपको बेहतरीन आराम भी देगा।
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Author Bio
Urnit Kaur – Urnit Kaur is an Architect based in Ahmedabad. She loves Design challenges and it helps her client’s to bring their thoughts into reality. She has been passionately involved in Architecture from designing projects to managing them on site since 2014. She has been part of Ahmedabad Heritage Dossier project, designing ISRO Bopal campus and currently working on other varied scale projects with Aakruti Architects. With her rich experience in field work, she shares tips and facts in her blogs about Architecture, Interior and MEP services. She believes learning should never stop, so she has developed a hobby of creating colorful home décor items by experimenting different materials and aesthetics.