अलग अलग प्रकार के प्लंबिंग ट्रैप्स के बारे में जानिए।

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मिट्टी की पाइप्स या वेस्ट पाइप्स के अंतमे लगी फिटिंग्स को ट्रैप कहा जाता है ताकि गंदी गैसों (गंध) को मिट्टी की पाइप या वेस्ट पाइप से बाहर निकाला जा सके।
यह ड्रेनेज (सैनिटरी) सिस्टम का हिस्सा होता है। इसे इस तरह से बनाया या डिजाइन किया जाता है कि फिटिंग्स में से अवशिष्ट पदार्थ के निकलने के बाद अवशिष्ट पानी की थोडी सी मात्रा उसमें रहे जिससे वह जुडा है ताकि वह बदबूदार गैसों या हवा को इमारत में घुसने से रोक सके।

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ट्रैप्स प्लंबिंग सिस्टम का एक महत्वपूर्ण घटक होते हैं। ये गंदी हवा, कीटाणुओं और जंतुओं को नालियों से इमारत में घुसने से रोकता है और रोगों के प्रसार की रोकथाम करता है। ट्रैप्स इसीलिए बनाए जाते हैं ताकि वे पानी जुटाए रखें जो वॉटर सील (जल कवच) के रूप में काम करता है

विभ्भिन्न प्रकार के प्लंबिंग ट्रैप्स

ट्रैप्स ऐसे होने चाहिए जो अपने आप साफ हों। इन्हें उपलब्ध प्रवाह में इतनी गति निर्मित करने में सक्षम होना चाहिए ताकि वह अपने आप साफ हो सके, सहज फिनिश मिले और एक समान बोर मिले।
कुछ उत्पादित फिक्सचर्स जैसे कि वॉटर क्लोजेट्स, बेड पैन वॉशर्स और यूरिनल्स के कुछ मॉडल्स में फिक्सर की बॉडी के अंदर ही ट्रैप बने होते हैं।
वॉटर क्लोजेट्स और कुछ मामलों में यूरिनल्स में अंदर ही ट्रैप्स बने होते हैं। अन्य सभी फिक्सचर्स (साधनों) को पर्याप्त वॉटर सील के साथ बाहर से ट्रैप्स दिए जाने चाहिए। ट्रैप का व्यास किसी भी तरह से फिक्सचर के आउटलेट के व्यास से छोटा नहीं होना चाहिए जिससे कि वह जुडा है। ट्रैप्स ऐसे हों जो अपने आप साफ हो जाएं और उनमें एक समान छेद हों तथा वे वॉटर सील कायम रखने के लिए आंतरिक दीवारों या अन्य हिलनेवाले हिस्सों पर निर्भर नहीं होना चाहिए। एक ट्रैप का कनेक्शन दूसरे ट्रैप में नहीं दिया जाना चाहिए। फ्लोर ट्रैप से आनेवाली आउटलेट पाइप का व्यास ट्रैप आउटलेट के आकार से कम नहीं होना चाहिए।

ट्रैप्स के विभिन्न प्रकार

01. फ्लोर ट्रैप या नाहनी ट्रैप

फ्लोर ट्रैप या नाहनी ट्रैप बाथरूम, वॉश एरिया, वॉशबेसिन और किचन सिंक इ. से गंदा पानी जुटाने के लिए फर्श में बिठाई जाती है।

जाली फ्लोर ट्रैप या नहनी ट्रैप के ऊपर

02. गली ट्रैप

बाहरी निकासी की लाइन को जोडने से पहले बिल्डिंग के बाहर गली ट्रैप लगाया जाना चाहिए। ये किचन सिंक, वॉश बेसिन्स, बाथ और वॉश एरिया के गंदे पानी को भी जुटाता है।

03. पी, क्यू और एसट्रैप

अंग्रेजी के पी, क्यू और एस ट्रैप्स को उनके आकार के अनुसार वर्गीकृत किया गया है। इनमें यू-ट्यूब होती है जो पानी जुटाए रखती है और गंदी गैस तथा वातावरण के बीच अवरोध का काम करती है।

04. इंटरसेप्टिंग ट्रैप

इंटरेप्टिंग ट्रैप को इंटरसेप्टर मैनहोल (इंटरसेप्टर चैंबर) में प्रदान किया जाता है। इंटरसेप्टर मैनहोल इमारत की नाली और सार्वजनिक सीवर के बीच होनेवाले जुडाव पर बिठाया जाता है। वॉटर सील देकर सार्वजनिक सीवर से गंदी गैसों को इमारत में घुसने से रोकने के लिए इंटरसेप्टिंग ट्रैप लगाया जाता है।

05. बॉटल ट्रैप

जहां पर अप्लायंसेस में इन बिल्ट ट्रैप नहीं होता है वहां पर वॉशबेसिन, किचन सिंक्स और अन्य अप्लायंसेस से आनेवाले कचरे को शामिल करने के लिए बॉटल ट्रैप लगाया जाता है।

06. ग्रीज ट्रैप

ग्रीज ट्रैप द्रव से ग्रीज को अलग करने और ग्रीज को कायम रखने के लिए एक या अधिक फिक्सचर्स से आनेवाली वेस्ट पाइप में लगाई जाती है।सामान्य रूप से उपयोग में नहीं आनेवाली जगहों में लगी ट्रैप्स वाष्पीकरण के कारण अपना वॉटर सील खो सकती हैं। उसमें समय समय पर पानी डालकर सील को बरकरार रखने की व्यवस्था की जानी चाहिए और वेस्ट अप्लायंस को ट्रैप से जोडकर यह काम किया जा सकता है (उदा. वॉश बेसिन इ.)। पानी भरने के लिए एक आधुनिक वॉटर सप्लाई वॉल्व भी लगाया जा सकता है जिसमें बैक-फ्लो प्रिवेंशन डिवाइस (पानी का उल्टा प्रवाह रोकनेवाला साधन) लगा हो जो कि ट्रैप से जुडा होता है। जमने वाली स्थितियों की संभावनावाले ट्रैप्स को लगाने से रोकने के लिए ध्यान रखा जाना चाहिए।

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