चिलचिलाती गर्मी के बाद हम मानसून केआने का बेसब्री से इंतजार करते हैं। काले बादल, ठंडी हवा और बारिश की बूँदे हमें पोजीटीव्ह वाइब्स देती हैं।मानसून की बारिश कीताज़ी हवा हमें भी ताज़गी देती है। मिट्टी की मीठी महक, पेड़ों की ताजी पत्तियां और बारिश में अच्छे से नहाने के बाद पौधों की हरियाली देखकर हमें सुकून मिलता है।गर्मी में भीषण गर्मी के बाद हर तरफ पानी के लिये चीख-पुकार मच जाती है, क्योंकि पानी के बिना कुछ भी नहीं रह सकता। फिर बादल बरसते हैं। कभी बारिश के बिना जीवन की कल्पना की है? बारिश के बिना तो यह धरती रेगिस्तान में बदल जाएगी। वर्षा को, स्वर्ग और पृथ्वी के बीच की कड़ी के रूप में वर्णित किया गया है। पक्षी, जानवर, पौधे और इंसान सभी बरसात के मौसम का स्वागत करते हैं क्योंकि यह उन्हें राहत देता है! मानसून, शुष्क भूमि को सुंदर हरे रंग के सुरम्य लैंडस्केप में बदल देता है। यह सीजन पृथ्वी को एक नया जीवन देता है।
हम या तो रोमांटिक संगीत की धुन बजाते हैं, या बारिश की फुहारों का आनंद लेने के लिये बाहर जाते हैं। रंगीन छाता लेकर टहलने जाने का मजा ही कुछ और है। मानसून, छाता और वाटरप्रूफ रेनकोट का मौसम है। लोग इन सभी का उपयोग गीले होने से बचाने के लिये करते हैं। युवाओं के लिये, यह मौसम रोमांटिक होता है और बच्चों के लिये, यह आनंद का मौसम होता है। मानसूनमें,बारिश और पानी के गड्ढों में खेलना पसंद करने के कारण युवा और बच्चे खुश रहते हैं।बड़ों को, बच्चों को सड़क के किनारे मस्ती करते देखना, कागज की नावें बनाना और उन्हें पानी की धारा में छोड़ना या एक-दूसरे पर कीचड़ भरे पानी के छींटे मारना और बिना किसी परेशानी के आनंद लेते देखना पसंद है। मानसून अपने साथ स्वादिष्ट खाने की लालसा लेकर आता है। चाय,कोफी, समोसा, पकोड़ा, वड़ा पाव, मक्का, चाट बरसात के मौसम का सबसे अच्छा हिस्सा हैं। इन सबकी वजह से मानसूनऔर भी सुहाना लगता है। बड़े लोग, कुरकुरे तले हुए पकौड़े और स्नैक्स के साथ गरमा गरम चाय /कोफी का मज़ा लेते हैं।
पहले पखवाड़े के लिये मानसून शानदार और स्वागत-योग्य होता है, उसके बाद यह विशेष रूप से गृहणियों के लिये बोरिंग हो जाता है क्योंकि लगातार बारिश की वजह से बहुत सारी समस्याएँ और परेशानियाँ होती हैं।
मानसून के आगमन के साथ, घर, बगीचे और वार्डरोब में एक बदबूआती है। तरह-तरह के कीड़े-मकोड़े निकल आते हैं और मानसून में साँप अपने छिपने की जगह बदलते हैं। साँप, सूखे खोखले गड्ढों में निवास करते हैं और मानसून में, जब गड्ढों में पानी भर जाता है, तो वे नयी जगह की तलाश में अपना आश्रय छोड़ देते हैं और कभी-कभी हमारे घर में आजाते हैं।
जब घर बदबू, मच्छरों, मक्खियों, कीटों, काई, मोल्ड, फंगस आदि से भरा होता है, तो मानसून डरावना साबित होता है। बरसात के मौसम में, एयर बोर्न डिसीझेस और वॉटर बोर्न डिसीझेस होते हैं जो स्वास्थ्य के लिये खतरा पैदा करते हैं। बरसात का मौसम बैक्टीरिया, घरेलू कीड़े, फंगल ग्रोथ को भी बढाता है। इज मौसम में सड़क पर गीला कचरा पड़ा रहता है और गड्ढों में गंदा पानी भरा होता है। बरसात के मौसम में जलजमाव की समस्या होने के कारण मच्छरों को ब्रिडिंग के लिये अनुकूल परिस्थितियाँ मिल जाती हैं। जल्द ही, हमारे पोजिटिव वाइब्स खतरे में पड़ने लगते हैं औरयहाँ तक की हम सड़कों पर चलना भी नहीं चाहते … और अगर चलना पड़ता है, तो हमारे पास शायद ही कोई विकल्प होता है!
‘कोकिलाबेन धीरूबाई अंबानी हॉस्पिटल एंड मेडिकल रिसर्च इंस्टीट्यूट’ के मुताबिक आपको इन मानसूनी बीमारियों से बेहद सावधान रहने की जरूरत है, सर्दी, खांसी, नाक बहना और फ्लू इस मौसम की आम समस्याएँ हैं जो तापमान में उतार-चढ़ाव के कारण बच्चों पर तेजी से हमला करती हैं। वॉटर बोर्न डिसिझेस में डिसेन्ट्री, सबसे बड़ी समस्या है, इसके अलावा मलेरिया, हेपेटाइटिस, कोलेरा, टाइफाइड आदि जैसे रोग इस मौसम में व्यापक रूप से और तेजी से फैलते हैं। कम प्रतिरोधक क्षमतावाले लोग मानसून के दौरान आसानी से बिमार हो जाते हैं। ऐसे में उन्हें इस मौसम में ज्यादा सावधानी बरतने की जरूरत है।
हमें अपने स्वास्थ्य और धन, दोनों के लिये मानसून के दौरान अत्यधिक सतर्क रहने की आवश्यकता है।
(मानसून में) घर की देखभाल कैसे करें?
हमारा घर हमारे व्यक्तित्व का दर्पण है और यह निवासियों के बारे में बहुत कुछ बताता है। यह एक ऐसी जगह है जहाँ हमें सुकून और शांति मिलती है और हम अपने परिवार के साथ रहकर खुशी महसूस करते हैं। स्वाभाविक रूप से, हमें मानसून में अपने घर की देखभाल के लिये थोड़ी मेहनत करने की आवश्यकता होती है।
यदि आप बैचलर हैं और किराए के घर में रहते हैं या भले ही आपके पास खुद का घर हैं, तो आपको मानसून में अतिरिक्त देखभाल करनी होगी और स्वच्छ घर में रहना सुनिश्चित करना होगा। वीकेंड पर सफाई का काम करने के बजाय घर की रोजाना सफाई करना बेहतर होगा । नियमित सफाई में कम समय लगता है औरसाफ़ और जगमगाता घर पोजिटिव वाइब्स देता है।
01. इलेक्ट्रिकल पोईंट्स को सेट करें (बारिश से पहले):
बरसात के मौसम से पहले, हमें सभी इलेक्ट्रिकल पोईंट्स, तारों और प्लगिंग सॉकेट की जाँच करने करनीचाहिये; इसमें यह देखें कि क्या सभी ड्रेन क्रैक की जाँच की गयी है, मरम्मत की गयी है और बिजली के बोर्ड अच्छी हालत में हैं। यदि कोई समस्या है, तो ऐसे मुद्दों का प्राथमिकता के आधार पर इलाज किया जाना चाहिये, ताकि मानसून में हम विपरीत परिस्थितियों में न फंसें।
बिजली के तारों को बनाए रखने में लापरवाही, घातक हो सकती है। यह आपको कुछ टूटने के कारण शुरुआती दिनों में बिजली के बिना रहने के लिये मजबूर कर देगी।
बारिश के आगमन से पहले डैमेज्ड इलेक्ट्रिकल सॉकेट्स और तारों की मरम्मत की जानी चाहिये। यह यूजर्स के लिये सुरक्षित है। अधिक जानकारी के लिये मानसून के लिये हमारे इलेक्ट्रिकल सेफटि टिप्स देखें।
होम मेंटेनेंस तक्नीशियन द्वारा चीजों का ठीक से निरीक्षण करवाना बेहतर है। वे कमियों को दूर कर सकते हैं और जरूरत के अनुसार मरम्मत कर सकते हैं।
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02. बारिश से पहले नालियों को साफ़ करें:
- नालों की सफाई कराई जाए ताकि भारी बारिश में यह जाम न हो। यह सबसे महत्वपूर्ण कार्य है जो आपको करने की आवश्यकता है अन्यथा वे कचरे के प्रवाह को बाधित करेंगे और ओवरफ्लो, हमारे आसपास की जगह में उपद्रव पैदा करेगा। गंदा कचरा, मच्छरों और मक्खियों को आकर्षित करेगा और इस प्रकार, सभी के स्वास्थ्य को हानी पहुंचाएगा । नाली के पाइप के ऊपरी जाली की जाँच करें। अगर गंदगी, प्लास्टिक या पेड़ों की पत्तियाँ हैं तो उसे साफ़ करें, नहीं तो वही चीजें नालियों को जाम कर देगी। छत के नालों की जाँच करें ताकि भारी बारिश का पानी छत पर जमा न हो।
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- प्लंबिंग तकनीशियनों की मदद लें और पानी के आउटलेट पाइप को म्यूनिसिपल कार्पोरेशन कनेक्शन से जोड़ दें। यदि आपके कंपाऊंडकी नाली या मैनहोल, पत्तियों, धूल, कागज और प्लास्टिक के कारण बंद हो जाता है, तो इसका नतीजा बहुत बुरा हो सकता है। अगर रात के दौरान भारी बारिश होती है , तो नाली या मैनहोल बंद होने के कारण पानी आपके घर में प्रवेश कर सकता है। इसलिये इसे अच्छी तरह से साफ़ करना बहुत जरूरी है। यह आपके लिये सुरक्षित होगा क्योंकि इससे पानी ओवरफ्लो नहीं होगा और कंपाउंड में बिखर जाएगा और आपका घूमना आसान हो जाएगा।
- कैनोपीऔर बिना स्पौट्स के उभरे हुए छज्जेउपेक्षित क्षेत्र है। सबसे ज्यादा गंदगी इन्हीं पर जमी होती है। उन्हें एक कठोर धातु के ब्रश से अच्छी तरह साफ़ करें ताकि कोई धूल या कचरा न रह जाए। यदि इसकी सफाई नहीं की जाती है, तो मानसून में पानी जमा हो जाएगा और आस-पास की दीवारों में रिस जाएगा जिससे आपकी पेंट और दीवारों को नुकसान होगा।
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03. दरवाजे और खिड़कियाँ जांचें (हवा में नमी के कारण):
बारिश के मौसम में हवा में नमी के कारण लकड़ी सूज जाती है। सूजन के कारण, दरवाजे और खिड़कियाँ ठीक से बंद नहीं होती हैं। एक कारपेंटर द्वारा बारीकी से जाँच करने का अनुरोध करें और इसकी मरम्मत करवाएँ ताकि भारी बारिश और तूफान की स्थिति में घर के अंदर बारिश के पानी के छींटे पड़ने से घर बच जाए। ताले, बोल्ट और हुक की जाँच करवाएँ और यदि रीप्लेसमेंट की आवश्यकता हो, तो इसे करवाएँ। यह भी देखें कि खिड़कियों के सभी हुक काम करने की स्थिति में हैं। और अगर आपके पास स्लाइडिंग विंडो है, तो जांच लें कि वे ठीक से बंद होते हैं या नहीं। ऐसे मौसम में आप खिड़की खुली नहीं रख पाएंगे। आप घुटन महसूस कर सकते हैं क्योंकि आपको उन्हें बंद रखना होगा।
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04. मानसून में अपने प्रभावित क्षेत्रों को ठिक करें:
01. दरारों का इलाज करवाएँ ताकि अपार्टमेंट या सोसाइटी में, घर के अंदर, या बेसमेंट में कोई लिकेज न हो।
02. खोखली दरारों को ढक दिया जाना चाहिये ताकि रेप्टाईल्सको अंदर घुसने और निवासियों के लिये खतरा पैदा करने के लिये कोई जगह न हो।
03. छत की लिकेज को ठीक करना, यदि कोई हो।
04. सबसे महत्वपूर्ण रखरखाव जाँच जो एक घर के मालिक को करनी चाहिये , वह है; लिकेज के स्रोत की मरम्मत करना, विशेष रूप से छत या छज्जों और दीवार के बीच के जोड़, एल्यूमीनियम खिड़की के फ्रेम और दीवारों के जोड़, या सिल और जाम के जोड़ या अन्य कमजोर क्षेत्र। इन सभी की जाँचमानसून की शुरुआत से पहले कुशल एजेंसी द्वारा की जानी चाहिये ।
05. यदि आपके पास रेन वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम है, तो अपने बोरवेल को रिचार्ज करें। कृपया सुनिश्चित करें कि आप सिस्टम के सभी फिल्टर बेड साफ़ करते हैं। साथ ही टैरेस/स्लोपिंग रूफ को भी साफ़ करें, ताकि टैरेस पर मौजूद धूल आदि आपके फिल्टर बेड को चोक न करें। इसके अलावा, अपने वाल्वों को इस तरह से सेट करना याद रखें कि पहली बारिश के दौरान छत से बारिश का पानी बोरवेल की ओर जाने के बजायअन्य स्टोर्म वॉटर ड्रेन में जाए।
06. यदि कोई फिसलन भरा फर्श या गीला क्षेत्र है जहाँ काई उग आई है, तो कृपया उसे हटाएँ, ताकि कोई उसपर फिसल न जाए।
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05. टेरेस लेवल डिफ्रंस:
‘श्री महादेव देसाई’ (भारत की एक प्रमुखमल्टी- डिसीप्लीनरी कन्सलटंसी फर्म – स्थपति डिज़ाइनर्स एंड कंसल्टेंट्स प्राइवेट लिमिटेड के सीएमडी) का कहना है कि, अधिकांश घरों या यहां तक कि अपार्टमेंट में, सामान्य डीटेलींग की गलती जो होती है, वह है टैरेस स्लैब और स्टैरकेस स्लैब की केबिन यानी स्टैरकेस के टोप को एक ही लेवल पर रखा जाता है। दरअसल, आखिरी स्टेप टेरेस स्लैब से १५० मिमी या ६” ऊंचा होना चाहिये ताकि जब आप वॉटर प्रूफिंग करें तो टैरेस का लेवलस्टैरकेस केबिन/स्टेप लेवल से ऊपर न जाए। जब इस प्रक्रिया का पालन नहीं किया जाता है, तो स्लैब वास्तव में हाई लेवल पर आती है। और फिर छत का पानी घर में ना घुसे इसलिये आप पत्थर के इस्तेमाल से कुछ काम करते हैं या कोई और व्यवस्था करते हैं। लेकिन यह एक बहुत ही गंभीर गलती है और अगर यह आपके घर में है तो आपको इसे तुरंत ठीक करना चाहिये , ताकि आप न केवल इस मानसून के लिये बल्कि आने वाले सभी मानसून के लिये समस्या का समाधान करें।
एक घरमालिक के तौर पर मानसून में आपकी जिम्मेदारी दोगुनी हो जाती है। आपको अतिरिक्त सावधानी बरतने की आवश्यकता है क्योंकि बरसात के मौसम में जर्म्स तेजी से बढ़ते हैं।
अपने घर को साफ़ और जर्म-फ्री रखने के लिये अपने घर की दिनचर्या में कुछ परिवर्तन लाएँ।
बरसात के मौसम के लिये बाईंग गाइड
01. अपने स्टोररूम से छाता और रेनकोट खोजें और उन्हें निकालें । यदि संभव हो तो उन्हें कुछ धूप दिखाएँ ताकि विशिष्ट गंध को दूर किया जा सके जो कई महीनों तक इस्तेमाल न होने के कारण उनमें होती हैं।
02. अपने और परिवार के सदस्यों के लिये ब्रांडेड रेनकोट खरीदें जो नियमित रूप से बारिश में बाहर निकलते हैं। बारिश न होने पर भी उन्हें अपने साथ ले जाएँ। बारिश कभी भी आ सकती है।
03. अपने छाते की पहले से जाँच कर लें और अगर उसे मरम्मत या बदलने की जरूरत है, तो इसे प्राथमिकता के आधार पर करें।
04. स्कूल जाने वाले बच्चों के लिये रंगीन रेनकोट और छाता लें। बच्चों को ऐसे ही रंग बहुत पसंद होते हैं और वे स्कूल जाते समय खुशी-खुशी उन्हें पहनकर ले जाते हैं।
05. मानसून के दौरान अपने वाहन को ढ़कना बहुत जरूरी है। यदि वाहनों के कवरस्टोर रूम में हैं तो खोजकर बाहर निकालें और उन्हें कुछ धूप दिखाएँ। यदि आपके पास ऐसा कवर नहीं है, तो कृपया एक खरीद लें। ऑफिस टाइमिंग के दौरान खुले में पार्क किये गये वाहनों की देखभाल, कवर करता है। यह हमेशा सलाह दी जाती है कि जब भी वे पार्क्ड हों तो अपने वाहनों को ढ़ककर रखें। अगर खुला छोड़ दिया जाता है, तो हवा में नमी वाहन के बाहरी धातु को जंग लगा देती है।
06. अपनी इमरजेंसी लाइट या इन्वर्टर की जांच करवाएं। मानसून में अक्सर बिजली जाती है और अचानक बिजली जाने की स्थिति में ये सामान आपकी मदद करेगा। यदि इसे बदलने या मरम्मत की आवश्यकता है, तो इसे मानसून से पहले करवाएँ।
07. इमरजेंसी में इस्तेमाल करने के लिये मोमबत्तियाँ और माचिस की डिब्बियों को भी स्टोर करें। जब आपके गैजेट्स काम नहीं कर रहे हों,तो मोमबत्ती आपके घर को रोशन कर सकती है। आप सुगंधित मोमबत्तियां खरीद सकते हैं; यह विभिन्न डिजाइनों और सुगंध में उपलब्ध है। वह चुनें जो आपके बजट में फिट बैठता है। सौर लालटेन का उपयोग आपको पुराने समय की याद दिलाएगा और आपको ग्रीन मुव्हमेंट का समर्थन करने पर गर्व महसूस कराएगा।
08. कपड़े की रेलिंग खरीदें और अपने कपड़े बांधने और सुखाने के लिये बाथरूम, वॉशिंग मशीन की उपर की जगह का उपयोग करें। सूरज छुट्टी पर होगा इसलिये आपको घर के अंदर जगह चाहिये जहाँ आप गीले और धुले हुए कपड़े सूखा सकें। लगातार बारिश की स्थिति में यह एक चुनौतीपूर्ण कार्य है। बाजार में पर्याप्त क्लोथ स्टैंड उपलब्ध हैं; अपने घर और उपयोगिता के अनुसार एक लाएँ। अगर आपके कपड़े भीग जाते हैं तो ए. सी में न बैठें। उन्हें तुरंत बदलें।
09. इस प्रकार, मानसून के दौरान अपने कपड़े सुखाने के लिये हर संभव व्यवस्था और तंत्र को हैंडी रखें और साथ-साथ तैयार करें।
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मानसून में क्या करें और क्या न करें
01. प्रवेश द्वार पर शू-रैक रखें और लोगों को घर में प्रवेश करने से पहले अपने जूते स्टैंड पर छोड़ने के लिये कहें। फर्श की सफाई के पीछे आपका बहुत सारा समय और ऊर्जा बच जाएगी क्योंकि फुटवियर में अधिकांश गंदगी और कीचड़ होता है।
02. घर में प्रवेश करने से पहले खुद को अच्छी तरह से साफ़ कर लें और घर के सभी सदस्यों को यह बात कह दें।
03. घर में प्रवेश करते ही गीले कपड़े उतार दें और सूखे सूती कपड़े डाल लें।
04. घर को साफ़ करने के लिये और घर को अवांछित मच्छरों, कीड़ों और मक्खियों से मुक्त रखने के लिये अच्छी गुणवत्ता वाले डिसइनफेक्टंट का इस्तेमाल करें।
05. घर के परिसर में ताजी हवा आने दें। दरवाजे और खिड़कियाँ बंद न करें। इसे खुला रखें ताकि ताजी हवा घर में आ सके और घर से दुर्गंध दूर हो।
06. फर्श को गीला न रखें। इसे अब्सॉर्बिंग मोपर से पोंछ लें। गीले फर्श खतरनाक और जोखिम भरे हो सकते हैं। आप या कोई भी फिसल सकता है और चोटिल हो सकता है। इसके अलावा, गीले फर्श मोल्ड्स, कीटाणुओं और फंगस को बढ़ने में मदद करते हैं।
07. वोशरूम को नियमित रूप से एक अच्छे डिसइनफेक्टंट से साफ़ करें और दुर्गंध को दूर करने के लिये एक्झोस्ट का उपयोग करें और वोशरूम को सूखा रखें। नलों और शावरों को पोंछकर सुखा लें, वे मोल्ड्स और कीटाणुओं के विकास और स्वास्थ्य के लिये जोखिम पैदा करने के लिये सबसे अच्छा प्रजनन स्थल हैं। हफ्ते में एक बार ब्लीचिंग पाउडर से साफ़ करें ताकि कीटाणु और बैक्टीरिया विकसित न हों।
08. गंदगी को साफ़ करें और आसपास का सब कचरा हटाएँ।ऐसे स्थान मच्छरों और कीड़ों के ब्रिडिंग के लिये सर्वोत्तम स्थानहोते हैं।
09. खुले क्षेत्र को ब्लीचिंग पाउडर और चूने से साफ़ करें। यह फर्श की नमी, घास और काई को साफ़ करेगा। इस प्रकार, चलना सुरक्षित होगा। बरसात के मौसम में इन जगहों को समय-समय पर साफ़ करते रहें।
10. अपने पालतू जानवरों की अतिरिक्त देखभाल करें ताकि पालतू और रहने वाले किसी भी संक्रमण से मुक्त रहें। बरसात के मौसम में जानवर आसानी से संक्रमण की चपेट में आ जाते हैं। उन्हें साफ़ रखें। रोजाना टहलने के बाद अपने पालतू जानवरों के पंजों को सुखाएँ। उन्हें टिक्स और पिस्सू से मुक्त रखने के लिये अच्छे पालतू साबुन और शैंपू का प्रयोग करें।
11. कीड़ों और मक्खियों को दूर भगाने के लिये भोजन तैयार करने के बाद अपने किचन टोप, चिमनी और टेबल टोप को नमक और सिरके से साफ़ करें। ये बरसात के मौसम में कीटाणुओं और बीमारियों के बड़े वाहक होते हैं।इस नियमित नियम का पालन करने के बावजूद, आपको अभी भी हर हफ्ते घर की सफाई के लिये अतिरिक्त समय की आवश्यकता है। यह न केवल बोझ को कम करता है बल्कि इसे एक खुशी का काम बनाता है यदि सभी परिवार के सदस्य स्वेच्छा से आपकी मदद करते हैं और सफाई कार्य को आसान बनाने के लिये सहयोग करते हैं तो आपका घर आसनी से साफ-सुथरा हो जाएगा । आखिर घरतो सबका है ना !! घर के सभी कोनों और दरारों में जमी धूल साफ़ करें।
मानसून का मौसम आनंदमय हो सकता है यदि उपर्युक्त सुझावों का अच्छे से पालन किया जाए। इससे हमाराघर एक सर्वोत्तम स्थान बन जाएगा !! स्वच्छ वातावरण,अच्छे और स्पष्ट विचारों को जन्म देता है और हमें पोजिटिव वाईब्स का आशीर्वाद मिलता है।
तो आप घर पर बच्चों के साथ खेलकूद में शामिल होकर उन्हें बारिश के मौसम का पूरा आनंद लेने दें।
‘राजुदा‘ द्वारा कहा गया है – “बारिश के बादल तैरते हुए आते हैं, मेरे आने वाले दिनों को खराब करने के लिये नहीं, बल्कि मुझे शांत, खुश और आशावादी बनाने के लिये ।”
हैप्पी मानसून!!!!
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Author Bio
Illa Verma – Illa Verma is a freelancer blogger with a vast experience in content writing, branding, fictional stories and poetry. She has collaborated with various brands as a content creator and is a certified content writer.
Coming from a small town, she has carved a niche of her own. Apart from writing, she is involved with an NGO Bhojan Bank, which provides one-time free meal to homeless people. She enjoys listening to music and is an avid traveller.
Prior to her writing career, she has worked with India Infoline, Kotak Sec. and ShareKhan.