घर का कोई भी नया कन्स्ट्रक्शन/ नवीकरण / परिवर्तन कार्य शुरू करने से पहले , एक सक्षम स्थानीय प्राधिकारी जैसे नगर पालिका, विकास प्राधिकरण, नगर निगम,गाँव, तहसील / ब्लॉक या जिला पंचायत, आदि से अनुमति लेना आवश्यक होता है। यह राज्य के टाउन प्लानिंग एक्ट के तहत होना चाहिये।
बिना अनुमति के कोई भी कन्स्ट्रक्शन या अॅडिशन, इललीगल कन्स्ट्रक्शन माना जाता है।
अधिकारी द्वारा ‘विकास अनुमति’ के अनुदान का अर्थ है, घर से संबंधित निम्नलिखित प्रस्तावों का स्वीकार:
एक्सटर्नली:
01. पर्मीसीबललैंडयूज यानी आवासीय उपयोग की अनुमति ।
02. सड़क तक पहुँचने का अधिकार: आपको सड़क से प्रवेश करने का अधिकार है।
03. प्लोट कालोकेशन और बाउंडरी: लीगल लैंड रिकॉर्ड के अनुसार चार सीमाएँ ।
04. एक प्लोट के रेकोर्डेड क्षेत्र और असली क्षेत्र में भिन्नता: यदि रेकोर्डेड क्षेत्र और साइट के क्षेत्र में भिन्नता हो , तो यह अनुमति में परिलक्षित होगा।सड़क से मार्जिन: वह दूरी, जिसे सड़क के साथ-साथ अन्य सीमाओं के लिये स्थायी रूप से आपको खुला छोड़ना चाहिये।
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05. अलाईनमेंट: रोड वाईडनिंग के लिये प्रोपोज्ड रोड अलाईनमेंट या सरकारी प्राधिकरण द्वारा एक्वायर्ड लैंड प्रोपोजल,जिसे आमतौर पर “रोड लाइन” कहा जाता है।
06. ग्राऊंड कवरेज- फूटप्रिंट: आपने जमीन के कितने क्षेत्रपर कन्स्ट्रक्शन प्रस्तावित किया है और आपका कन्स्ट्रक्शन पर्मीसीबल लिमिट के अंदर है ।
07. बिल्डिंग की ऊँचाई: आपके बिल्डिंग की ऊँचाई और आपका कन्स्ट्रक्शन पर्मीसीबल लिमिट के अंदर है ।
08. सर्विसेस/ कनेक्शन: सेवा / उपयोगिता जैसे वॉटर सप्लाई और सीवरेज, यदि मॅप पर दिखाये गये हैं तो आपके लिये उपलब्ध हैं।
09. स्टोर्म वॉटर ड्रेन: सेवा / उपयोगिता जैसे स्टोर्म वॉटर ड्रेन, यदि मॅप पर दिखाये गये हैं तो आपके लिये उपलब्ध हैं।
10. ओपन स्पेस: यह आपकी लैंड का क्षेत्र दिखाता है जिस पर आप कभीभी कोई कन्स्ट्रक्शन नहीं कर सकते।
11. पार्किंग: आपने स्थानीय कानूनों के तहत न्यूनतम पार्किंग उपलब्ध कराई है।
12. पर्मीसीबल बिल्ट-अप एरिया: कन्स्ट्रक्शन का कुल एरिया जो आप प्रस्तावित करते हैं और यह अनुमेय कन्स्ट्रक्शन एरिया से अधिक नहीं है।
13. पर्मीसीबल फ्लोर स्पेस इंडेक्स (एक एस आई): कन्स्ट्रक्शन का कुल एरिया जिसे आप प्रस्तावित करते हैं और यह स्वीकार्य एफएसआई से अधिक नहीं है।
14. सेटबेक्स: आपके द्वारा प्रस्तावित सेटबेक्स।
इंटर्नली:
01. कमरे का साइज: कमरे का साइज स्थानीय कानूनों के तहत आवश्यक न्यूनतम क्षेत्र के अनुसार है, जो कि रहने के लिये न्यूनतम क्षेत्र है।
02. प्रकाश और वेंटिलेशन: इसमें सभी कमरों में पर्याप्त प्रकाश और वेंटिलेशन है।
03. पैसेज: कानूनों के तहत पैसेज की चौड़ाई।
04. सीढ़ी की चौड़ाई – स्थान : कानूनों के तहत सीढ़ी की चौड़ाई ।
05. स्ट्रक्चरल डिजाइन: कोडल प्रोवीजन के तहत स्ट्रक्चरल डिजाइन , जिससे वह सुरक्षित रहे।
06. सैनिटरी सुविधाओं के लिये मिनिममस्पेस: आपके द्वारा अपेक्षित मिनिमम स्टैंडर्ड्स की पूर्ति ।
07. प्रॉजेक्शन: प्रॉजेक्शन , पर्मीसीबल लिमिट से अधिक नहीं है।
08. लिफ्ट: कानून के अनुसार है।
09. कॉमन स्टेरकेस से दूरी।
10. बाल्कनी की चौड़ाई।
11. फायर सेफटी।यह सब ‘बाय-लोज’ के अनुसार होना चाहिये।
कार्यों के निष्पादन के लिये , सेवा और सुविधाओं का शुल्क देने के बाद ही , डेवलपमेंट करने की अनुमति सक्षम प्राधिकारी द्वारा दी जायेगी।
शुल्क और मेंटेनेंस चारजेस को समय-समय पर सक्षम प्राधिकारी द्वारा बदला जा सकता है।
यदि आप डेवलपमेंट परमिशन एप्लीकेशन के साथ संतोषजनक ढंग से आवश्यक सभी विवरण नहीं देते हैं, तो एप्लीकेशन अस्वीकार हो सकता है।
अनुमति का मतलब है कि आप डेवलपमेंट कंट्रोल नियमों से संबंधित सभी चीजों का अनुपालन कर रहे हैं।
हालाँकि यह क्या प्रमाणित नहीं करता है:
01. प्रोपर्टि का टाईटल यानी प्रोपर्टि की ओनरशिप।
02. प्रोपर्टि पर इजमेंट राइट्स।
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