सीमेंट के विनिर्माण के लिए सुखी प्रक्रिया

This post is also available in: English

सीमेंट निर्माण के लिए ड्राय प्रोसेस और सेमी ड्राय प्रोसेस में कच्चे माल को कुचल कर पीसने वाली चक्की में सही अनुपात में डाला जाता है। कच्चे माल को सुखा कर, उसका पीसने वाली चक्की में बारीक पाउडर बना दिया जाता है। सुखे पाउडर को कच्चा खाद्य कहा जाता है। कच्चे खाद्य को एक सम्मिश्रण साइलो में पंप किया जाता है। सीमेंट निर्माण के लिए पदार्थों के अनुपात में समायोजन साइलो में किया जाता है।

सीमेंट के विनिर्माण के लिए सुखी प्रक्रिया

एक समान और सुपरिचित मिश्रण प्राप्त करने के लिए संपीड़ित हवा को प्रचलित कर के कच्चा खाद्य मिश्रित किया जाता है। संपीड़ित हवा पाउडर की ऊपर की गति को प्रेरित करता है और प्रत्यक्ष घनत्व को कम करती है। हवा को एक समय में साइलो के एक चतुर्भुज में पंप किया जाता है और यह गैर-वातयुक्त चतुर्भुजों में से भारी पदार्थ को अनुमति देता है। इसीलिए वातयुक्त पाउडर द्रव पदार्थ की तरह व्यवहार करता है और सभी चतुर्भुजों में 1 घंटे तक वायु प्रसार करने से एक समरूप मिश्रण प्राप्त होता है। कुछ सीमेंट निर्माण के कारखानों में निरंतर सम्मिश्रण का इस्तेमाल होता है। मिश्रित खाद्य को आगे छलनी में बढ़ाया जाता है और उसके बाद ग्रेन्यूलेटर नामक घूमते हुए चक्र में डाला जाता है। मिश्रित खाद्य की गोलियां बनाने के लिए वजन के अनुसार लगभग 12% पानी डाला जाता है।

सेमी ड्राय प्रोसेस में मिश्रित खाद्य छानकर ग्रेन्यूलेटर नामक घूमते हुए चक्र में डाला जाता है और साथ ही खाद्य के वजन अनुसार 12% पानी भी उसी समय डाला जाता है। इस तरह 15 मिली मीटर व्यास की सख्त गोलियां बनती है। यह जरूरी है, क्योंकि ठंडा पाउडर सीधा ही भट्ठी में डालने से सीमेंट क्लिंकर (खंगरी) के निर्माण के लिए जरूरी रासायनिक प्रतिक्रिया के लिए सही ढंग का हवा का प्रवाह और गर्मी का आदान प्रदान नहीं हो पाएगा।
भट्ठी की गर्म गेस के माध्यम से पहले गर्म जाली में उन गोलियों को सख्त सेंका जाता है। उसके बाद गोलियों को भट्ठी में डाला जाता है, जहां तापमान करीब 1450 डिग्री सेल्सियस होता है। गीली प्रक्रिया में 1 टन सीमेंट के उत्पादन के लिए 220 किलोग्राम कोयले की आवश्यकता की तुलना में इस प्रक्रिया में कोयले का कुल उपयोग सिर्फ 100 किलोग्राम होता है।

सुखा पदार्थ भट्ठी के सबसे गर्म हिस्से में रासायनिक प्रतिक्रियाओं की एक श्रंखला से गुजरता है और पदार्थ का कुछ 20 से 30% हिस्सा द्रव्य, चूना, सिलिका और एलुमिना बन जाता है। पिघला हुआ समूह 3 से 25 मिलीमीटर के व्यास के गोलों में परिवर्तित होता है जिसे क्लिंकर (खंगरी) कहते हैं। क्लिंकर (खंगरी)  को कूलर में गिराया जाता है जहां उसे नियंत्रित अवस्था के अधीन ठंडा किया जाता है। ठंडी क्लिंकर (खंगरी) और 3 से 5% जिप्सम को बॉल मिल में आवश्यक बारीकी के अनुसार पीसा जाता है और उसे स्टोरेज साइलोस में ले जाया जाता है, जहां सीमेंट कोथैलियों में भरा जाता है।
ड्राय प्रोसेस की भट्ठी में इस्तेमाल किए जाने वाले उपकरण तुलनात्मक रूप से छोटे होते हैं। सीमेंट निर्माण के लिए ड्राय प्रोसेस काफी किफायती है। इस पद्धति को क्लिंकर (खंगरी) की गुणवत्ता का सीधा नियंत्रण करने के लिए अकसर नियोजित किया जाता है।

यह भी पढ़े:
बीम और स्लैब की कंक्रीटिंग करने से पहले जानने योग्य बातें
एएसी ब्‍लॉक्‍स बनाम रेड ब्रिक्‍स: सही फैसला कैसे करें

Do you have query?

Let our experts solve it for you while you rest