ऐसे कोई भी सत्यापित दस्तावेज उपलब्ध नहीं है, जो भंडारण की विभिन्न अवस्थाओं पर सीमेंट पर किए जाने वाले प्रयोगों पर फोकस करें। सीमेंट एक द्रवग्राही निर्माण पदार्थ है। यह नमी (या द्रव्य या भाप के रूप में) के साथ तुरंत प्रतिक्रिया करता है। नमी सीमेंट की सबसे बड़ी दुश्मन है और इसी वजह से सीमेंट की थैलीयां कभी भी लंबे अरसे तक ही संग्रहित नहीं की जाती।
नमी की उपस्थिति में सीमेंट रासायनिक प्रतिक्रिया से गुजरती है, जिसे हाइड्रेशन कहते हैं। एक बार हाइड्रेशन की प्रक्रिया हो जाने के बाद सीमेंट सीमेंट का जीवन कल ख़त्म हो जाता है। इसीलिए, जब तक नमी के संपर्क में ना आए तब तक सीमेंट अच्छी अवस्था में रह सकती है।
अगर सीमेंट स्टोरेज (भंडारण) में सीमेंट की थैली 3 महीने से अधिक पुरानी हो, तो उसे इस्तेमाल करने से पहले सीमेंट की मजबूती का परीक्षण होना चाहिए। भारतीय मापदंड यह निर्दिष्ट करता है, कि अगर सीमेंट नीचे दिए गए दो मानकों के अधीन हो, तो सीमेंट का फिर से निरीक्षण होना चाहिए और नीचे के मुताबिक अपेक्षाओं पर खरा न उतरने पर उसे खारिज करना चाहिए:
- 6 महीने से अधिक समय तक कारखाने में बल्क सीमेंट का संग्रह किया गया हो।
- विक्रेता या कार्यस्थल परसीमेंट स्टोरेज (भंडारण) में सीमेंट की थैलियों को 3 महीने से अधिक समय तक रखा गया हो।
बड़े सीमेंट उत्पादकों ने रिसर्च और डेवलपमेंट करवाया और निस्संदेह पुष्टि की है कि समय के चलते सीमेंट का जीवनकल ख़त्म होने जाने परवह अपनी मजबूती खोने लगता है और इसका वर्णन नीचे के टेबल में किया गया है:
उम्र बढ़ने के कारण कम्प्रेस्सिवे स्ट्रेंथ (सम्पीडक शक्ति) में घटौती
1 | 3 महीने | 20% |
2 | 6 महीने | 30% |
3 | 12 महीने | 40% |
4 | 24 महीने | 50% |
इसी लिए जितना संभव हो सके उतना ताजा सीमेंट का उपयोग करने की सलाह दी जाती है। पुरानी सीमेंट के इस्तेमाल से विभिन्न समस्याएं उत्पन्न हो सकती है जैसे कि दरारें, टपकन,संक्षारण, इत्यादि। यह आपकी संरचना की रखरखाव लागत भी बढ़ाता है और संरचना की अवधि पर भी असर करता है।