जीवन के आधुनिक रुप के बारे में अगर सोचें तो, जीनेका आनंद लेना,आवश्यक प्रकाश या रोशनी के बिना संभव नहीं। बिजली से प्रकाश की खोज ने पूरी सिविलायझेशन और जीवनमान का स्तर बदल दिया। हमारे पूर्वजों ने जिस प्रकार से जिंदगी बितायी उसकी तुलना में अब जिंदगी बहुतही बदल गयी है।
टेलिविजन, लाईट्स, एअर कंडिशनर्स आदि उपकरणों तक इलेक्ट्रिकल एनर्जी पहुंचाने के लिये इलेक्ट्रिक वायरींग, सप्लाय यह प्रक्रिया है जिससे विभिन्न उपयोग के कई उपकरण जोडे जाते हैं।
किसी भी इलेक्ट्रिकल वायरींग में सबसे महत्वपूर्ण जरुरतों में एक है ’सुरक्षा’। घर में वायर का उपयोग करने से पहले आपको रेगुलेशन्स और सेफ्टी स्टैंडर्डस की पक्की जानकारी होनी चाहिए जिससे गलतियॉं ना हो और परिणाम स्वरुप शॉक, दुर्घटना, नुकसान और आग जैसी भयानक घटनाऍं टलें।
बहुतसे राज्य वायरींग के लिये ऐसे इलेक्ट्रिशियन्स को काम करने की अनुमती नहीं देते जिनके पास लाइसन्स ना हो। इसलिये आपको कोई भी प्रोजेक्ट शुरु करने से पहले आपके एरिया का “नैशनल बिल्डिंग इलेक्ट्रिकल कोड” देखना चाहिये।
घरेलू वायरींग सिस्टम का वोल्टेज घर में किस तरीके के उपकरणों का उपयोग होता है , उसपर निर्भर करता है। घरेलू इलेक्ट्रिक सिस्टम बनाने के अलग अलग तरीके हैं।
कुछ साल पहले, हर घर में ओपन वायरींग सिस्टम का उपयोग बहुत ज्यादा पाया जाता था लेकिन आजकल घर की वायरींग सिस्टम में कन्सिल्ड वायरींग सिस्टम ज्यादा लोकप्रिय है।
यहाँ हम कन्सिल्ड वायरींग और ओपन वायरींग के फर्क की चर्चा करेंगे, जिससे आपको घर के अंदर किये जानेवाले इलेक्ट्रिक इन्स्टॉलेशन की सुरक्षा के बारे में जानने में मदद होगी।
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कन्सिल्ड वायरींग
- जैसे की नाम ध्वनित करता है, कन्सिल्ड का अर्थ है “छिपाया हुवा”। तो यह वायरींग जमीन या दीवार के अंदर कीजाती है और इसे दीवार की प्लास्टरिंग से छिपाया जाता है। दूसरे शब्दों मे , प्लास्टिक या इलेक्ट्रिकल वायर को दीवार, सीलिंग या जमीन के अंदर प्लास्टिक या मेटॅलिक पाइपिंग के साथ उपयोग करके जो वायरींग किया जाता हैं उसे सिक्रेट कन्सिल्ड नलिका वायरींग कहते हैं।
ओपन वायरींग
- नाम से ही पता चल जाता है, ओपन का अर्थ है खुला। यह वायरींग की एक पद्धती है जिसमें बटन, टयूब्स और इन्सुलेटेड कंडक्टर्स के सपोर्ट और सुरक्षा के लिये दीवारों पर फ्लेक्ज़िबल टयूबिंग होती हैं और जो बिल्डिंग के किसी भाग में कन्सिल्ड या छुपे नहीं होते है।
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कन्सिल्ड वायरींग
- कन्सिल्ड वायरींग सिस्टम बहुतही लोकप्रिय, दिखने में सुंदर है और ताकतवर भी है। यह आजकल बहुतही सामान्य रुप से प्रचलित इलेक्ट्रिकल वायरींग है क्योंकि इससे दीवार का सरफेस अच्छा और साफ सुथरा दिखता है।
ओपन वायरींग
- ओपन वायरींग सिस्टम दिखने में अच्छी नहीं लगती और आजकल इसका बहुतही कम उपयोग होता है।
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कन्सिल्ड वायरींग
- कन्सिल्ड वायरींग सिस्टम के लिये व्यावसायिक इलेक्ट्रिशियन,टेक्निशियन ज्यादा कुशल होने कीआवश्यकता होती है।
ओपन वायरींग
- यहाँ पर भी कुशल व्यावसायिक इलेक्ट्रिशियन टेक्निशियन की जरुरत को नज़रअंदाज नहीं जा सकता।
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कन्सिल्ड वायरींग
- इस सिस्टम में मेकॅनिकल तरीके की चोट पहुँचना संभव नहीं है।
ओपन वायरींग
- इस सिस्टम में उपभोगकर्ताओं को चोट आने की संभावना है।
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कन्सिल्ड वायरींग
- इस वायरींग सिस्टम में उपभोगकर्ताओं को केबल से इलेक्ट्रिकल शॉक लगने की संभावना नहीं है। मेकॅनिकल तरीके की चोट पहुँचना संभव नहीं है।
ओपन वायरींग
- इस वायरींग सिस्टम में उपभोगकर्ताओं को इलेक्ट्रिक शॉक लगने की संभावना ज्यादा है।
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कन्सिल्ड वायरींग
- कन्सिल्ड वायरींग में दीवार का लुक, नीट और क्लीन होता है और पृष्ठभाग उसे और सुशोभित करने के योग्य होता है।
ओपन वायरींग
- वायर पृष्ठभाग से गुजरती है जो कि दिखने में खराब लगता है। इस सिस्टम में दीवार का सौंदर्य बरकरार रखने के लिये डेकोरेटिव्ह् और सुरक्षात्मक मटेरिअल्स का इस्तेमाल किया जा सकता है ज्यों कि ज्यादा खर्चा बढाएगा ।
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कन्सिल्ड वायरींग
- कन्सिल्ड वायरींग सिस्टम सुरक्षित और टिकाऊ है।
ओपन वायरींग
- ओपन वायरींग सिस्टम इतनी सुरक्षित नहीं है और कन्सिल्ड वायरींग की तुलना में टिकाऊ नहीं है।
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कन्सिल्ड वायरींग
- शॉर्ट सर्किट के कारण आग की जोखिम ज्यादा होती है।
ओपन वायरींग
- ओपन वायरींग सिस्टम में शॉर्ट सर्किट से आग की संभावना हो सकती है। लेकिन ये जैसे कि आसानी से देखा जा सकता है , तो आग की संभावना आसानी से टाली या कम की जा सकती है।
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कन्सिल्ड वायरींग
- ओपन वायरींग सिस्टम की तुलना में इस सिस्टम की लागत ज्यादा है।
ओपन वायरींग
- कन्सिल्ड वायरींग सिस्टम की तुलना में ये सिस्टम की लागत कम है।
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कन्सिल्ड वायरींग
- दीवार में चैनल्स या छेद बनाने में ज्यादा वक्त लगता है।
ओपन वायरींग
- इस सिस्टम में दीवार में कोई चैनल्स या छेद जरुरी नहीं होते, तो समय में काम होता है।
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कन्सिल्ड वायरींग
- इस वायरींग सिस्टम मे सभी वायर्स क्लोज्ड इलेक्ट्रिकल नलिका में होती हैं, इसलिये दोष आसानी से नहीं समझ में आता और इसीलिये आसानीसे और तुरंत ठीक भी किया नहीं जा सकता।
ओपन वायरींग
- इस वायरींग सिस्टम में सभी केबल्स खुली हवा में होती है, तो इससे दोष आसानीसे पाया जा सकता है और उसे जल्द ठीक किया जा सकता है।
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कन्सिल्ड वायरींग
- ओपन वायरींग की तुलना में इसका काम करना चैलेंजिंग है।
ओपन वायरींग
- ओपन वायरींग सिस्टम में दीवार पर वायरींग का इन्टॉलेशन कन्सिल्ड वायरींग की तुलना में आसान है।
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कन्सिल्ड वायरींग
- पूरी वायरींग सिस्टम बदलना थोडे कालावधी में संभव नहीं होता और वायरींग मटेरिअल का उपयोग दूसरी जगह नहीं कियाजा सकता।
ओपन वायरींग
- थोडे कालावधी में पूरी वायरींग सिस्टम बदल सकते हैं और वायरींग का मटेरिअल दूसरी जगह उपयोग में लाया जा सकता है।
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कन्सिल्ड वायरींग
- कन्सिल्ड वायरींगमें अॅडिशन या बदलाव लाना बहुत मुश्किल होता है।
ओपन वायरींग
- ओपन वायरींग में अॅडिशन या बदलाव लाना आसान है।
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कन्सिल्ड वायरींग
- कन्सिल्ड वायरींग, आज की तारीख में भरोसेमंद और लोकप्रिय वायरींग सिस्टम है।
ओपन वायरींग
- ओपन वायरींग सिस्टम आजकल बहुतही कम उपयोग में लायी जाती है।
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कन्सिल्ड वायरींग
- वेदर कंडिशन (वातावरणीय परिस्थिती) जैसे की बारिश, भाँप, ह्युमिडिटी ( नमी) रासायनिक परिणाम और धुवाँ, इनका आसानी से परिणाम नहीं होता या तो धीमी गती से होता है।
ओपन वायरींग
- ओपन वायरींग सिस्टम पर बारिश, तेल , भाप, नमी, रासायनिक और धुवाँ इनका असर कन्सिल्ड वायरींग की तुलना में आसानीसे और जल्द होता है।
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कन्सिल्ड वायरींग
- इस वायरींग सिस्टम सेआगे चलकर अतिरिक्त कनेक्शन्स देना बहुत मुश्किल होता है। अॅडिशनल कनेक्शन्स के लिये आपको एक्सपर्ट की मदद लगेगी।
ओपन वायरींग
- ओपन वायरींग सिस्टम में भविष्य में और अॅडिशनल कनेक्शन्स देना संभव होता है।
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कन्सिल्ड वायरींग
- कन्सिल्ड वायरींग सिस्टम में उपकरणों का या स्विचेस का स्थान बदल बहुत मुश्किल है।
ओपन वायरींग
- ओपन वायरींग सिस्टम में उपकरणों की या स्विचेस की जगह बदलना बहुतही आसान है।
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कन्सिल्ड वायरींग
- कन्सिल्ड वायरींग में वायर लूज (में “सॅग” निर्माण) नहीं होता।
ओपन वायरींग
- कुछ समय बाद ओपन वायर (में “सॅग” निर्माण) लूज होता है।
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कन्सिल्ड वायरींग
- अगर अच्छे क्वालिटी के केबल्स इस्तेमाल किये गयें हो तो इस सिस्टम का आयुर्मान ज्यादा होता है।
ओपन वायरींग
- अच्छे क्वालिटी की वायर का उपयोग न किये जानेपर इस सिस्टम का आयुर्मान कम होता है।
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कन्सिल्ड वायरींग
- कन्सिल्ड वायरींग सिस्टम पर काम करने के लिये आपको डिटेल्ड ड्रॉइंग बनाकर पूर्व तैय्यारी करनी पडती है।
ओपन वायरींग
- ओपन वायरींग सिस्टम पर काम करने के लिये आपको कन्सिल्ड वायरींग की तुलना में एडव्हान्स में प्लैनिंग करना पडता है।
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कन्सिल्ड वायरींग
- इस वायरींग सिस्टम में रिपेयर का काम बहुत मुश्किल होता है।
ओपन वायरींग
- इस वायरींग सिस्टम में रिपेयर का काम बहुत आसान होता है।
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कन्सिल्ड वायरींग
- कन्सिल्ड वायरींग में दीवार को काटना और उसमें छेद लेना पडता है, जिससे की दीवारें कमजोर और दुबली हो जाती है और पानी के लीकेज की संभावना बढती है और दीवार में क्रॅक्स की संभावना भी बढती है।
ओपन वायरींग
- ओपन वायरींग में दीवार को काटना नहीं पडता है , जिससे की पानी के लीकेज की और दीवार में क्रॅक्स की संभावना नहीं होती है।
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कन्सिल्ड वायरींग
- दीवारों का निर्माण पूरा होने के बाद उसमें छेद किये जाते हैं, इसलिये, अगर उन्हें अच्छे तरीके से भर नहीं दिया जाए तो वहाँ पर छेद के आसपास क्रॅक्स बन सकते हैं।
ओपन वायरींग
- इस वायरींग सिस्टम में किसी प्रकार के छेदों की जरुरत नहीं होती। ओपन वायरींग दीवार में ड्रिलिंग करके की जाती है। अगर ड्रिलिंग का काम सही तरीके से नहीं होता तो दीवार में क्रॅक्स पैदा हो सकते हैं।
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कन्सिल्ड वायरींग
- बहुत बार पानी नलिका की दिशा में स्विच बोर्ड तक बह सकता है, जिससे सुरक्षा के प्रश्न निर्माण हो सकते हैं। बहुत बार चिंटियाँ आदि कीटक छेद के अनुसार दिखते हैं।
ओपन वायरींग
- ओपन वायरींग सिस्टम में इस तरह की समस्यायें नहीं आती है।
आशा है कि घर में सबसे उत्तम वायरींग सिस्टम का चयन करने में, उपर चर्चा किये गए मुद्दोंसे आपको मदद मिलेगी और सहीविकल्प चुननेमें स्पष्टता आ जाएगी।