आयसोलेटेड फुटिंग क्या है?

This post is also available in: English

  • अनेक कारणों पर आधारित विभिन्न प्रकार की नींव होती है। आयसोलेटेड फुटिंग नींव डालने के सबसे लोकप्रिय नींव के प्रकारों में से एक है जिसका उपयोग दुनिया भर में किया जाता है।
    इमारत के लिए नींव बहुत ही महत्वपूर्ण होती है। असल में इमारत का सारा भार नींव के जरिए जमीन पर अंतरित होता है।
  • आयसोलेटेड फुटिंग्स रिइन्फोर्स्ड सीमेंट कांक्रीट कॉलम्स के लिए सबसे सामान्य रूप से प्रयुक्त फुटिंग है क्योंकि यह सरल और सबसे किफायती होता है। आयसोलेटेड फुटिंग का उपयोग एक कॉलम को आधार देने के लिए किया जाता है।

इस प्रकार की फुटिंग का उपयोग तब किया जाता है जब,

  • कॉलम्स करीब करीब न बने हों।
  • फुटिंग्स पर भार कम हो।
  • मिट्टी की सुरक्षित वजन झेलने की क्षमता सामान्य रूप से ऊंची हो।

आयसोलेटेड फुटिंग्स में महत्वपूर्ण रूप से बॉटम स्लैब होता है। बॉटम स्लैब्स मूलत: तीन प्रकार के होते हैं:

  • पैड फुटिंग(एक समान मोटाई के साथ)
  • स्टेप्ड फुटिंग(एक समान मोटाई के साथ)
  • स्लोप्ड फुटिंग(ट्रैपेजोइडल सेक्शन)

फुटिंग्स ऊपर की ओर मिट्टी के दाब के प्रभाव का सामना करता है, ऐसे मामले में फुटिंग्स, तश्तरी के आकार में मुड जाती हैं। इसीलिए, रिइन्फोर्स्ड स्टील मेश दो प्रमुख आंतरिक बलों यानी शीयर फोर्स और बेंडिंग मोमेंट का प्रतिरोध करने के लिए प्रदान किया जात है। जहां फुटिंग जमीन की बाउंडरी पर या सडक पर होती है जहां पर आप अपनी फुटिंग को पडोसी की संपत्ति पर नहीं रख सकते, वहां पर फुटिंग्स को कंबाइंड फुटिंग्स के रूप में डिजाइन किया जा सकता है या एसेंट्रिक फुटिंग का उपयोग आयसोलेटेड फुटिंग्स के विकल्प के रूप में किया जा सकता है।
प्लान में आयसोलेटेड फुटिंग्स अलग अलग आकारों में हो सकती है, सामान्य रूप से ये कॉलम के क्रॉस सेक्शन के आकार पर निर्भर है।

फुटिंग्स के प्लान में कुछ लोकप्रिय आकार हैं,

  • वर्गाकार फुटिंग
  • आयताकार फुटिंग
  • गोलाकार फुटिंग

आयसोलेटेड फुटिंग की डिजाइन

आयोलेटेड फुटिंग्स की डिजाइन का उद्देश्य यह निर्धारित करना है:

  • फुटिंग का क्षेत्र
  • फुटिंग की मोटाई
  • पर्याप्त बॉन्डिंग और शीयर फोर्स को ध्यान में रखते हुए फुटिंग के रिइन्फोर्समेंट के विवरण
  • डेवलपमेंट लेंथ और शियरिंग स्ट्रेसेस को जांचिए

ये सभी बातें फुटिंग पर भार, मिट्टी की सुरक्षित वहन क्षमता (एसबीसी), क्रांक्रीट व स्टील का ग्रेड को ध्यान में रखकर की जाती हैं। मुख्य रिइन्फोर्समेंट के लिए न्यूनतम कवर जमीन पर सतह के साथ संपर्क की सतह पर ५० एमएम से कम नहीं होनी चाहिए। प्रमुख रिइन्फोर्समेंट का व्यास १० एमएम से कम नहीं होना चाहिए।

फुटिंग्स की डिजाइन में अपनाए जानेवाले डिजाइन के स्टेप्स हैं:

  • फैक्टर्ड लोड्स पर आधारित फुटिंग का क्षेत्रफल पता लगाना
  • फुटिंग की उपयुक्त मोटाई का आकलन
  • फ्लेक्सर और शीयर के लिए क्रिटिकल सेक्शन का पता लगाइए।
  • महत्वपूर्ण सेक्शन पर बेंडिंग मोमेंट और शीयर फोर्सेस का पता लगाना
  • मानी गई मोटाई की पर्याप्तता जांचें।
  • रिइन्फोर्समेंट के विवरण का पता लगाइए
  • तनाव झेलने की क्षमता जॉंचना
  • डेवलपमेंट लेंथ जॉंचना।

यदि अधिक सेटलमेंट की अनुमति दी जाती है या विचार में लिया जाता है तो एसबीसी हमेशा सेटलमेंट को ध्यान मे लेने का कार्य है। छोटे आकार की फुटिंग चलेगी और उसका उलट भी चलेगा। लेकिन इमारत में असमान सेटलमेंट होती है तो इमारत के ढांचे में दरार पड जाएगी।
ट्रेपजॉइडल फुटिंग्स को बहुत ही ध्यान से बनाया जाना चाहिये है ताकि यह देखा जा सके कि ढलान कायम रहे। पैड फुटिंग्स पर काम करना आसान होता है। संपूर्ण आर.सी.सी. ढांचे वाली संरचना की तुलना में फुटिंग की लागत कम होती है और यह संपूर्ण इमारत का करीब ४ से ५% होता है। इसीलिए पैड फुटिंग्स को भी पसंद किया जाता है, यद्यपि खर्च थोडा बढ जाता है।

Also Read:
Things to Check Before Concreting Footings
10 important criteria to choose the right foundation for your house.

Do you have query?

Let our experts solve it for you while you rest