प्रिकॉस्ट और कास्ट-इन-सिटू कंक्रीट ऐसे उत्पाद हैं जिन्हें किसी मोल्ड या फोर्मवर्क में कास्टिंग कंक्रीट के द्वारा उत्पादित किया जाता है जो आरसीसी (Reinforced Cement Concrete) सामग्रियों की मजबूती हासिल करने के लिए उत्पाद व प्रोडक्ट को परिष्कृत करते हैं। प्रिकास्ट कंक्रीट को निर्माण स्थल पर ले जाकर, उसे पूर्व निर्धारित स्थान पर स्थापित करने हेतु लिफ्ट से ले जाया जाता है। कास्ट-इन-सिटू कंक्रीट एक स्टैंडर्ड कंक्रीट होता है जिसे निर्माण स्थल पर विशिष्ट ढांचे में रखा जाता है और आरसीसी मजबूती हासिल करने हेतु परिष्कृत किया जाता है।
प्रिकास्ट और कास्ट-इन-सिटू कंक्रीट के बीच अंतर निम्न प्रकार हैं।
01
प्रिकास्ट कंक्रीट
- सामग्रियों को एक नियंत्रित कास्टिंग परिवेश में विनिर्मित किया जाता है जहां सामग्रियों के मिश्रण को आसानी से नियंत्रित, स्थापित और परिष्कृत किया जा सकता है।
कास्ट-इन-सिटू कंक्रीट
- कॉलम, स्लैब आदि सामग्रियों की ढलाई व कास्टिंग ऑन साइट की जाती है और इसलिए सामग्रियों के मिश्रण को नियंत्रित, स्थापित तथा कास्ट-इन-सिटू कंक्रीट में परिष्करण करना कठिन होता है।
02
प्रिकास्ट कंक्रीट
- गुणवत्ता को आसानी से नियंत्रित और कायम किया जा सकता है।
कास्ट-इन-सिटू कंक्रीट
- गुणवत्ता नियंत्रण और रखरखाव कठिन है।
03
प्रिकास्ट कंक्रीट
- श्रम बल की आवश्यकता कम होती है।
कास्ट-इन-सिटू कंक्रीट
- श्रम बल की आवश्यकता अधिक होती है।
04
प्रिकास्ट कंक्रीट
- कम कुशल श्रम बल की आवश्यकता होती है।
कास्ट-इन-सिटू कंक्रीट
- अधिक कुशल श्रम बल की आवश्यकता होती है।
05
प्रिकास्ट कंक्रीट
- प्रिकास्ट कंक्रीट निर्माण की प्रक्रिया तेज है क्योंकि इसे शीघ्र स्थापित किया जा सकता है और इसे मजबूती हासिल करने में कोई समय नहीं लगता है।
कास्ट-इन-सिटू कंक्रीट
- इन-सिटू कंक्रीट निर्माण की प्रक्रिया धीमी है, क्योंकि इसे मजबूती हासिल करने में समय लगता है।
06
प्रिकास्ट कंक्रीट
- प्रिकास्ट कंक्रीट की मजबूती को संवर्धित शोधन से बढ़ाया जा सकता है।
कास्ट-इन-सिटू कंक्रीट
- इन-सिटु कंक्रीट की मजबूती को संवर्धित शोधन से बढ़ाना एक कठिन कार्य है।
07
प्रिकास्ट कंक्रीट
- सामग्रियों की ढलाई नियंत्रित स्थिति में की जा सकती है।
कास्ट-इन-सिटू कंक्रीट
- सामग्रियों की ढलाई खुले पर्यावरण में की जा सकती है।
08
प्रिकास्ट कंक्रीट
- निर्माण स्थल पर मजबूती के लिए टेस्ट करने की आवश्यकता नहीं होती है।
कास्ट-इन-सिटू कंक्रीट
- निर्माण स्थल पर मजबूती के लिए टेस्ट करने की आवश्यकता होती है।
09
प्रिकास्ट कंक्रीट
- सामग्रियों की ढलाई अग्रिम रूप से की जा सकती है और इसे तब तक धारण किया जा सकता है जब तक उसकी जरूरत नहीं पड़ती है, जिसके कारण समय की बचत होती है।
कास्ट-इन-सिटू कंक्रीट
- सामग्रियों की ढलाई अग्रिम रूप से नहीं की जा सकती है।
10
प्रिकास्ट कंक्रीट
- कास्टिंग व ढलाई कार्य में मौसम की स्थिति का कोई प्रभाव नहीं पड़ता है।
कास्ट-इन-सिटू कंक्रीट
- मौसम की स्थिति से ढलाई कार्य लंबित हो सकता है।
11
प्रिकास्ट कंक्रीट
- तेजी से निर्माण कार्य संभव है।
कास्ट-इन-सिटू कंक्रीट
- निर्माण कार्य की गति कम है क्योंकि सामग्रियों की ढलाई निमार्ण स्थल पर की जाती है।
12
प्रिकास्ट कंक्रीट
- प्रिकास्ट कंक्रीट बड़े ढांचों के निर्माण के लिए सस्ता है।
कास्ट-इन-सिटू कंक्रीट
- इन सिटू कंक्रीट छोटे ढांचों के निर्माण के लिए सस्ता है।
13
प्रिकास्ट कंक्रीट
- कास्ट-इन-सिटू की तुलना में समस्त निर्माण समय कम है।
कास्ट-इन-सिटू कंक्रीट
- प्रिकास्ट की तुलना में, समस्त निर्माण समय अधिक है।
14
प्रिकास्ट कंक्रीट
- प्रिकास्ट कंक्रीट से विशाल (मोनोलिथिक आर्किटेक्चरल) ढांचों का निर्माण नहीं किया जा सकता है।
कास्ट-इन-सिटू कंक्रीट
- इन सिटू कंक्रीट से विशाल ढांचों का निर्माण किया जा सकता है।
15
प्रिकास्ट कंक्रीट
- विभिन्न प्रकार और आकृति के ऐलिमेंट्स विकसित किए जा सकते हैं।
कास्ट-इन-सिटू कंक्रीट
- ऐलिमेंट की लंबाई और आकृति विकसित करने में दिक्कत होती है।
16
प्रिकास्ट कंक्रीट
- रखरखाव की लागत अधिक है।
कास्ट-इन-सिटू कंक्रीट
- रखरखाव की लागत कम है।
17
प्रिकास्ट कंक्रीट
- स्ट्रक्चरल सिस्टम में ज्वांइट्स अधिक होते हैं।
कास्ट-इन-सिटू कंक्रीट
- स्ट्रक्चरल सिस्टम में ज्वांइट्स कम होते हैं।
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प्रिकास्ट कंक्रीट
- भूकंप से कम रोधी और उन क्षेत्रों के लिए वायु बल (विंड फोर्सिस) की सिफारिश नहीं की जाती है, जहॉं भूकंपीय भार अधिक होता है।
कास्ट-इन-सिटू कंक्रीट
- भूकंप और वायु बल से अधिक रोधी है।
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प्रिकास्ट कंक्रीट
- निर्माण के लिए कुशल और तकनीकी रूप से सक्षम ठेकेदार की आवश्यकता होती है।
कास्ट-इन-सिटू कंक्रीट
- स्थानीय ठेकेदार भी ढांचे का निर्माण करा सकते हैं।
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प्रिकास्ट कंक्रीट
- उच्च मजबूती के कंक्रीट का इस्तेमाल किया जा सकता है, क्योंकि यह नियंत्रित स्थिति में होता है।
कास्ट-इन-सिटू कंक्रीट
- उच्च मजबूती के कंक्रीट का इस्मेमाल करना कठिन है क्योंकि यह निर्माण स्थल की स्थिति और उपलब्ध संसाधनों पर निर्भर करता है।
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प्रिकास्ट कंक्रीट
- प्रिकास्ट कंक्रीट सामग्री को इधर-उधर ले जाने में भारी वजन के उपकरणों की लिफ्टिंग और स्थापना के लिए भारी मशीनरी की आवश्यकता होती है।
कास्ट-इन-सिटू कंक्रीट
- कास्ट-इन-सिटू कंक्रीट में इस प्रकार के उपकरणों की आवश्यकता नहीं होती है।
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प्रिकास्ट कंक्रीट
- प्रिकास्ट कंक्रीट निर्माण में, ज्वांइट का वर्णन काफी महत्वपूर्ण होता है और उसे लगाने में सावधानी बरतने की आवश्यकता होती है।
कास्ट-इन-सिटू कंक्रीट
- कास्ट-इन-सिटू कंक्रीट निर्माण में ज्वांइट के लिए कोई गंभीर सावधानी बरतने की आवश्यकता नहीं होती है।
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प्रिकास्ट कंक्रीट
- ऐलिमेंट्स को इस प्रकार डिजाइन किया जाता है ताकि हैंडलिंग के दौरान वह दबाव या भार को झेल सके, जिससे स्टील बढ़ या कम हो सकता है।
कास्ट-इन-सिटू कंक्रीट
- प्रिकास्ट कंक्रीट की तरह लोड या दबाव को झेलने के लिए ऐलिमेंट्स को डिजाइन करने की आवश्यकता नहीं पड़ती है।