डिजाइन और ड्रॉइंग में दोषों होने के कारण बिल्डिंग का गिरना

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स्ट्रक्चरल डिज़ाइन की असफलता के कारण बिल्डिंग का गिरना ये दुनिया के कई हिस्सों की एक प्रमुख समस्या बन चुकी है। जिस तरह कार्ड के पैकेट थोड़े झटके से गिरते है, वैसे ही रेसिडेंशियल और कमर्सिअल बिल्डिंग का गिरना एक नियमित घटना बन चुकी है। कुछ बिल्डिंग निर्माण के दौरान ही गिर जाती है जब की कई बिल्डिंगे सालो साल इस्तेमाल करने के बाद गिरती है। इसी वजह से मानव जीवन और अरबों की संपत्ति का काफी ज्यादा नुकसान होता है!

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बिल्डिंग का गिरना

हकीकत में स्ट्रक्चरल डिज़ाइन की शुरुआत ही सामग्री की पसंदगी, स्ट्रक्चरल घटक की संरचना और आपसी व्यवस्था से होती है। उन्हें ऐसा बनाना चाहिए ताकि जब उन पर जो भार (लोड) आए, तब वो उस को बिना किसी झुकाव को आसानी से जमीन (ग्राउंड) पर ट्रांसफर कर सके।

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यहाँ हम विस्तार से बिल्डिंग की गिरावट के कारणों पर चर्चा करते है।

स्ट्रक्चरल डिजाइन और ड्रॉइंग में दोषों के कारण बिल्डिंग का गिरना

कभी-कभी इमारत में दोष अपूर्ण, गलत और खराब समन्वयित डिज़ाइन का परिणाम होते हैं। बिल्डिंग की स्ट्रक्चरल डिज़ाइन उसके लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है क्योंकि वो इसकी बुनियादी स्थिरता और आयु को प्रभावित करता है। बेहतर प्रदर्शन और इमारत की कम मरम्मत (Maintenance) के लिए समर्थ डिजाइन महत्वपूर्ण है।

बिल्डिंग का गिरना
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यह देखा गया है की स्ट्रक्चरल डिज़ाइन में गलतियों के कारण बिल्डिंग का पूरा या आधा हिस्सा अचानक से गिर जाता है। अनुचित डिजाइन निर्माण की गुणवत्ता को कम कर देंगे और इमारत के जीवन काल के दौरान दोषों (Defect) में परिवर्तित होंगे। इसलिए डिजाइन की गलतिया इमारत के गिरने का एक प्रमुख कारण है।

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आंशिक रूप से या कुल निर्माण की असफलता और गिरावट के कई कारण हैं। उनमें से एक कारण गलत डिजाइन और ड्रॉइंग भी है।

आरसीसी या लोड बेअरिंग स्ट्रक्चर को डिजाइन करते समय सामान्य तौर पे प्रोफेशनल स्ट्रक्चरल इंजीनियरों निम्नलिखित गलतियां करते हैं:

  • गलत vertical और horizontal लोड पथ यानी unengineered लोड पथ
  • बुनियादी कोडल प्रावधान का उल्लंघन जैसे स्ट्रक्चरल तत्वों का minimum माप या रीइन्फॉर्स्मन्ट का minimum % , या सलिये के diameter का minimum माप, यानि कॉलम की न्यूनतम चौड़ाई (minimum width) 300 mm होनी चाहिए, कॉलम में स्टील का न्यूनतम (minimum) प्रतिशत 0.8% होना चाहिए और कॉलम में बार का न्यूनतम व्यास (minimum diameter) 12 mm होना चाहिए और इत्यादि.. ।
  • बिल्डिंग की ज्योमेट्री की गलत अवधारणा और उसके वर्णन के साथ ही vertical और horizontal joints के निर्माण की गलत धारणा और गिनती।
  • Architectural drawings की गलत समझ।
  • गलत भार और सुरक्षा फ़ैक्टर का चुनना
  • लोडिंग की गलत गिनती
  • सपोर्ट की गलत धारणा।
  • भूकंप, हवा और अग्नि मापदंड जैसे एक्सपोजर की गलत धारणा।
  • मिट्टी की जांच के बिना स्ट्रक्चर की डिजाइन करना यानी मिट्टी की सहनशक्ति जाने बिगैर डिज़ाइन देना।
  • स्ट्रक्चरल ड्रॉइंग्स में अपूर्ण या अधूरी जानकारी।
  • स्ट्रक्चरल डिज़ाइन का लिहाज किये बिगैर मालिक/ग्राहक/आर्किटेक्ट द्वारा डिज़ाइन में लगातार बदलाव करते रहना
  • निर्माण स्थल के निर्माण योग्यता मापदंड और मरम्मत मापदंडो का अज्ञान।
  • साइट पर डिज़ाइन और वास्तविक निष्पादन में धारणा के बीच फर्क होना। आप डिज़ाइन में एक fixed joint की धारणा करते है, लेकिन साइट पर आप ऐसे ड्रॉइंग देते हैं की यह एक hinged joint  की तरह व्यवहार करता है।
  • थर्मल और भूकंपीय मापदंडो के लिए आवश्यक expansion joints प्रदान नहीं करना।
  • गलत विवरण i.e. कैंटिलीवर बीम में ऊपरी सलिये को नहीं दिखाना ।
  • आजकल, काफी सारी इमारतों में, मालिकों द्वारा स्ट्रक्चरल डिजाइन गलतियों से परहेज करने के लिए स्वतंत्र प्राधिकरण पुनिवर्तित द्वारा स्ट्रक्चरल डिजाइन और चित्रण प्रमाणित कराया जाता है। यह इमारत की स्थिरता में सुधार करने में मदद करेगा।

स्ट्रक्चर को असफलता की ओर ले जाने वाले कारण या गलतियां निम्नलिखित हैं:

  • आर्किटेक्ट और स्ट्रक्चर इंजीनियर के बीच खराब संचार के कारण स्ट्रक्चरल और आर्किटेक्चरल ड्रॉइंग एक दूसरे के साथ मेल नहीं खाते हैं।
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  • प्रिंटिंग में गलतियां या ड्रॉइंग में विस्तार का माप दर्शाने में भूल होने पर निर्माण की खराब गुणवत्ता का कारण बन जाएगा।
  • गलत लाइन और स्तर (level) दर्शाना।
  • मालिक / वास्तुकार द्वारा डिजाइन या ड्रॉइंग में अक्सर परिवर्तन ड्रॉइंग में गलती का कारण बनता है और आखिरकार यह स्ट्रक्चरल विफलता की संभावना को बढ़ाता है।
  • ड्रॉइंग पढ़ने के दौरान या सिविल इंजीनियरिंग की बुनियादी समझ की कमी के कारण साइट इंजीनियर गलती करता है।
  • निर्माण के समय पुनरावृत ड्राइंगो का उपयोग नहीं किया जाता है, जिससे निर्माण में गलतियां होती हैं। यानी संशोधित / किए हुए ड्रॉइंग के बदले पुराने ड्राइंगो का उपयोग किया जाता है।
  • आखिर में, अपर्याप्त और अधूरी जानकारी वाली स्ट्रक्चर डिज़ाइन बिल्डिंग की गिरावट का मुख्य कारण होता है। यह सब लगातार मरम्मत और रखरखाव का कारण बनता है जिसके परिणाम में मालिक को यह काफी महंगा पड़ सकता है।
  • इसलिए सही अनुभवी और लाइसेंस प्राप्त स्ट्रक्चर इंजीनियर को नियुक्त करे और उन्हें ड्रॉइंग तैयार करने के लिए उचित समय दें और उन्हें उनके ज्ञान और समय के लिए भी सही भुगतान करें, क्योंकि कुछ हजार रूपये बचाने के चक्कर में आपको आगे चल कर लाखों का नुकसान उठाना पड़े और शायद आप आपके जीवन को भी खतरे में डाल सकते है। यदि स्ट्रक्चरल इंजीनियर को आपके आर्किटेक्ट द्वारा नियुक्त किया जाता है, तो यह सुनिश्चित करे कि वह काबिल व्यक्ति को चुनता है और उसे उचित रूप से उसकी फीस देता है।
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