बिल्डिंग निर्माण में कॉलम की प्रभावी लंबाई (Effective Length) क्या होनी चाहिये?

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आजकल विभिन्न प्रकार की संरचनात्मक प्रणालियों का इस्तेमाल किया जाता है, जिनमें से फ्रेम्ड स्ट्रक्चरल प्रणाली सबसे ज्यादा इस्तेमाल की  जाती है। यह फ्रेम स्ट्रक्चरल प्रणाली के विभिन्न घटक हैं, जैसे की नींव, कॉलम (स्तंभ), बीम स्लैब आदि। स्ट्रक्चरल कॉलम वह घटक है जिसे संरचना की पूरी ऊंचाई पर और साथ ही जमीन में भी फैलाया जाता है। वजन के स्थानांतरण तंत्र में कॉलम (स्तंभ) का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, क्योंकि संरचना के टॉप फ्लोर से सारा वजन मूल आधार में स्तंभ द्वारा स्थानांतरित किया जाता है। इसीलिए, स्ट्रक्चरल कॉलम यह फ्रेम स्ट्रक्चर प्रणाली के उन अंगो में से एक है जो बुनियादी ढांचे (substructure) और ऊपरी ढांचे (superstructure) दोनों में उपस्थित होते हैं।

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मूल रूप से कॉलम (स्तंभ) की लंबाई को दो मंजिल या दो टाई लेवल के बीच का लंबवत अंतर कहा जा सकता है। संरचनात्मक दृष्टिकोण के अनुसार स्तंभ की लंबाई दो बिंदुओं के बीच की दूरी है, जहां कॉलम को स्थिर सहारा मिलता है ताकि सभी दिशाओं में उसके हलन-चलन को रोका जा सके।
कॉलम के कोंट्राफ्लेक्सर (Contraflexure) बिंदुओं के बीच की लंबाई को कॉलम की प्रभावी लंबाई कहा जाता है, यानी दो मंजिल के बीच की लंबाई।

कॉलम की प्रभावी लंबाई - Image

कॉलम की प्रभावी लंबाई ढांचा हिलने डोलने वाला है या नहीं और कॉलम (स्तंभ) के साथ जुड़ने वाले बीम की बेन्डिंग स्टिफनेस पर निर्भर करती है। अगर बीम बहुत स्टिफ है, तो यह वजन की वजह से नीचे नहीं मुड़ेगा और कॉलम (स्तंभ) को स्थिरता प्रदान करेगा, और अगर बीम लचीला है, तो वह आसानी से मुड़ेगा और lateral restraint नहीं प्रदान करेगा। उपरोक्त परिस्थितियों के आधार पर विभिन्न परिस्थितियों में कॉलम की असरकारक लंबाई निम्नानुसार है:

कॉलम की प्रभावी लंबाई

क्रमांक.                               End-Restraint of Column (कॉलम की छोर प्रतिरोध)                             प्रभावी लंबाई

01.            दोनों छोर पर अपने स्थान में प्रभावी रूप से पकड़ा जाता है और परिक्रमण के खिलाफ

प्रतिरोध होता है।                                                                                                                        ०.५ L

02.            दोनों छोर पर अपने स्थान में प्रभावी रूप से पकड़ा जाता है और एक छोर पर परिक्रमण                       ०.७ L

के खिलाफ प्रतिरोध होता है।

03.            दोनों छोर पर अपने स्थान पर प्रभावी रूप से पकड़ा जाता है, लेकिन परिक्रमण के खिलाफ                    १.० L

प्रतिरोध नहीं होता है।

04.             एक छोर पर प्रभावी रूप से अपने स्थान में पकड़ा जाता है और परिक्रमण के खिलाफ प्रतिरोध               २.० L

होता है, और दूसरे छोर पर परिक्रमण के खिलाफ प्रतिरोध होता है, लेकिन अपने स्थान में पकड़ा

नहीं जाता है।

कई आर्किटेक्ट्स सौंदर्य के लिए लंबे कॉलम का निर्माण करते हैं, खासकर औपनिवेशिक वास्तुकला (Colonial Architecture) अपनाने पर। ऐसी स्ट्रक्चर को डिजाइन करने के दौरान सावधानी बरतना बहुत महत्वपूर्ण और ज़रूरी है।

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